हिमाचल प्रदेश के 6 बार CM रहे वीरभद्र सिंह का 87 साल की उम्र में निधन
वीरभद्र सिंह नौ बार विधायक रहे. साथ ही वह पांच बार सांसद भी चुने गए. उन्होंने छह बार सीएम के रूप में राज्य की बागडोर भी संभाली.
highlights
- वीरभद्र सिंह 2 बार कोरोना संक्रमण के हुए शिकार, मगर दे दी मात
- गुरुवार सुबह करीब चार बजे मल्टी-ऑर्गन फेल्योर से हुआ निधन
- हार्ट अटैक के बाद इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए थे
शिमला:
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) का लंबी बीमारी से जूझने के बाद गुरुवार तड़के निधन हो गया. कांग्रेस (Congress) नेता वीरभद्र सिंह ने 87 साल की उम्र में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल शिमला में आखिरी सांस ली. सोमवार को हार्ट अटैक आने के बाद वीरभद्र सिंह को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. इससे पहले वीरभद्र सिंह को कोरोना संक्रमण (Corona) की वजह से 13 अप्रैल को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कोरोना से ठीक होने और अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई और उन्हें आईजीएमसी में कुछ दिनों पहले ही भर्ती कराया गया था. वह बीते दो दिनों से वेंटिलेटर पर थे. वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के 6 बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहे पूर्व सीएम ने दो बार दी कोरोना को मात
आईजीएमसी के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जनक राज ने बताया, 'पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जी का यहां इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुबह करीब चार बजे मल्टी-ऑर्गन फेल्योर के कारण निधन हो गया.' अस्पताल में वीरभद्र सिंह की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी. इस वजह से उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था. वीरभद्र सिंह यहां वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे. छह बार प्रदेश के सीएम रहे सिंह का 23 अप्रैल से ही मेडिकल निगरानी में थे. उन्हें 13 अप्रैल को कोरोना होने की पुष्टि हुई थी. इसके बाद उन्हें मोहाली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 23 अप्रैल को अस्पताल से छुट्टी के बाद वे शिमला आ गए थे. यहां आने पर उन्हें फिर से सांस संबंधी दिक्कत शुरू हो गई. इसके बाद उन्हें फिर से आईजीएमसी में एडमिट कराया गया. उन्हें 11 जून को फिर से कोरोना संक्रमण हो गया. हालांकि वह इससे उबर चुके थे.
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नौ बार विधायक और 5 बार रहे सांसद
वीरभद्र सिंह नौ बार विधायक रहे. साथ ही वह पांच बार सांसद भी चुने गए. उन्होंने छह बार सीएम के रूप में राज्य की बागडोर भी संभाली. मौजूदा समय में वह सोलन जिले के अरकी से विधायक थे. वीरभद्र सिंह, मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 28 मई 2009 को इस्पात मंत्री बनाए गए थे. वह पहली बार 1983 में मुख्यमंत्री बने और 1990 तक लगातार 2 बार इस पद पर बने रहे. इसके बाद 1993 से 1998, 2003 से 2007 और 2012 से 2017 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे. वीरभद्र सिंह का राजनीति सफर उपलब्धियों से भरा है. उनके नाम कई राजनीतिक रिकॉर्ड दर्ज हैं. वह सांसद, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री समेत कई पदों अहम पदों पर रह चुके हैं.
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