हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की आय के ज्ञात स्रोत से अधिक धन को जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की पॉलिसियों में निवेश करवाने के आरोपी एलआईसी एजेंट आनंद चौहान के खिलाफ मामले में एक अदालत ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से एक अनुपूरक आरोपपत्र दाखिल करने को कहा।
विशेष न्यायाधीश संतोष स्नेही मान ने ईडी से जल्द से जल्द मामले में आरोपपत्र दायर करने को कहा है। अदालत ने मामले की सुनवाई एक फरवरी के लिए सूचीबद्ध की है। ईडी ने इससे पहले मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी।
ईडी ने जीवन बीमा निगम के एजेंट चौहान के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था और उसपर आरोप लगाया था कि उसने वीरभद्र सिंह के 5.14 करोड़ रुपये एलआईसी पॉलिसी में निवेश कराए। यह पालिसियां मुख्यमंत्री, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदी गई थीं।
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ईडी ने चौहान के खिलाफ धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।
जांच में कथित तौर पर पाया गया था कि वीरभद्र सिंह ने अपने और परिवार के सदस्यों के नाम पर 6.03 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा की थी, जो कि 2009 से 2011 तक बतौर केंद्रीय इस्पात मंत्री के कार्यकाल के दौरान उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक थी।
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Source : IANS