नई दिल्ली:
पहले बीएसएफ, फिर सीआरपीएफ और अब भारतीय सेना के जवान ने वीडियो जारी कर मिलने वाली सुविधाओं को लेकर सवाल खड़ा किया है। सेना के एक जवान यज्ञ प्रताप ने अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
जवान के वीडियो जारी करने के बाद सेना प्रमुख बिपिन रावत ने इसे संज्ञान में लिया है। उन्होंने कहा, 'जवान को जो भी शिकायत है वह सीधे मुझसे शिकायत करें। सोशल मीडिया पर वीडियो नहीं डालें। इससे बचें।'
उन्होंने कहा, 'सेना मुख्यालय और बांकी कमांड्स में शिकायत बॉक्स है। जिसे भी शिकायत हो वो उसमें डाल सकता है। हम इसे संज्ञान में लेंगे।' सेना प्रमुख ने कहा, 'मैं हर जवान से कहना चाहता हूं कि हम सब मिलकर एक मजबूत सेना बनाएंगे।'
Jise bhi kisi bhi tarah ki shikayat hai woh mujhe directly keh sakta hai: Army Chief General Bipin Rawat on BSF Jawan's video
— ANI (@ANI_news) January 13, 2017
लांस नायक यज्ञ प्रताप का कहना है कि उसने 15 जून 2016 को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को जवानों के शोषण के संबंध में चिट्ठी लिखी थी। जब इसकी खबर अधिकारियों को लगी तो फटकार लगाई गई। उसका कहना है कि अब वीडियो जारी करने के बाद उसका 'कोर्ट मार्शल' हो सकता है।
यज्ञ प्रताप का कहना है कि कई जगहों पर सैनिक से कपड़े धुलवाने, बूट पॉलिश करवाने, कुत्ते घुमवाने जैसे काम कराये जाते हैं जो गलत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खुद इस मामले में हस्तक्षेप करें। उन्होंने चिट्ठी लिखकर कुछ गलत नहीं किया है।
सेना के जवान से पहले बीएसएफ और सीआरपीएफ जवान ने वीडियो जारी कर भेदभाव का आरोप लगाया था। सीआरपीएफ के जवान जीत सिंह का कहना था, 'दोस्तों आर्मी को पेंशन भी है। हमलोगों की पेंशन थी वो भी बंद हो गई। 20 साल बाद हम नौकरी छोड़कर जाएंगे तो क्या करेंगे?'
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जवान के वीडियो जारी करने के बाद भी काफी विवाद हुआ था। बीएसएफ जवान तेज बहादुर ने अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे। उन्होंने कहा था कि जवानों को घटिया खाना दिया जा रहा है।
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