बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध प्रदर्शन जारी
बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध प्रदर्शन जारी
अगरतला:
बांग्लादेश में हालिया सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच माकपा और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने गुरुवार को ढाका में सरकार से अल्पसंख्यक लोगों के जीवन, उनकी संपत्ति और धार्मिक संस्थानों की रक्षा करने का आग्रह किया।विहिप के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त (एएचसी) मोहम्मद जोबायद होसेन से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि वह बांग्लादेश सरकार से हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने का अनुरोध करें।
विहिप ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को एएचसी के माध्यम से एक पत्र भेजकर हिंदुओं के जीवन और संपत्तियों की रक्षा करने और अपराधियों को दंडित करने की मांग की।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीआई-एम या माकपा) के त्रिपुरा सचिव जितेंद्र चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों ने अपनी पूर्व-नियोजित साजिशों के तहत पिछले सप्ताह समाप्त हुई हिंसा में अल्पसंख्यकों पर हमला किया।
चौधरी, जो माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य भी हैं, उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि बांग्लादेश सरकार अल्पसंख्यकों के घरों और संपत्तियों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
एक अलग कार्यक्रम में, 13 जन और सामाजिक संगठनों ने भी गुरुवार को संयुक्त रूप से बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त से मुलाकात कर अल्पसंख्यकों की पूर्ण सुरक्षा की मांग की।
हिंसा के मद्देनजर, अगरतला में बांग्लादेश सरकार का तीन दिवसीय फिल्म महोत्सव, जो गुरुवार से शुरू होने वाला था, अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण स्थगित कर दिया गया है।
एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, प्रस्तावित फिल्म समारोह में 34 फिल्मों, जिनमें से ज्यादातर मुक्ति युद्ध (1971 बांग्लादेश मुक्ति संग्राम) पर आधारित हैं, को 21 से 23 अक्टूबर तक रवींद्र सतबर्शिकी सभागार में प्रदर्शित करने की योजना थी।
मीडिया रिपोटरें के अनुसार, दुर्गा पूजा स्थल पर कुरान के कथित अपमान के बारे में सोशल मीडिया पर अपुष्ट पोस्ट वायरल होने के बाद, 13 अक्टूबर को कोमिला में हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद भीड़ में मौजूद लोगों द्वारा हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई।
बांग्लादेश हिंदू-बुद्ध ईसाई ओक्या परिषद के महासचिव राणा दासगुप्ता के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गई है, जबकि देश भर में कम से कम 70 हिंदू मंदिरों, घरों और बड़ी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है।
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