पत्रकार विनोद वर्मा की रायपुर कोर्ट में पेशी के दौरान मीडियाकर्मियों खासकर महिला पत्रकारों से हुई बदसलूकी के मामले में क्राइम ब्रांच के टीआई गौरव तिवारी को निलंबित कर दिया गया है।
रायपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव शुक्ला ने पूरे मामले की जांच महिला मजिस्ट्रेट से कराने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा है।
दरअसल, कथित सेक्स सीडी कांड मामले में गिरफ्तार पत्रकार विनोद वर्मा को रायपुर पुलिस ने रविवार को जिला कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने विनोद वर्मा को 3 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा।
जिसके बाद पुलिसकर्मी जब वर्मा को कोर्ट से बाहर लेकर निकले तो उसी दौरान मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी की गई। पुलिस और पत्रकारों के बीच झड़प हुई। पत्रकारों ने पुलिस पर महिला मीडिया कर्मियों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।
पत्रकारों ने पुलिस के खिलाफ रायपुर में प्रदर्शन भी किया और सिविल लाइंस थाने के कैंपस में धरने पर बैठ गए। पत्रकारों के गुस्से को देखते हुए टीआई गौरव तिवारी को निलंबित कर दिया गया है।
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वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ में बीजेपी के एक नेता को ब्लैकमेल करने के आरोप में 27 अक्टूबर को गाजियाबाद स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस के मुताबिक, छत्तीसगढ़ पुलिस के एक दल ने उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर शुक्रवार को इंदिरापुरम स्थिति वर्मा के घर में छापा मारा और 500 सीडी, एक लैपटॉप, एक पेनड्राइव और दो लाख की नकदी बरामद की।
विनोद वर्मा ने आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि मेरे पास छत्तीसगढ़ के मंत्री की सेक्स सीडी है। उनका नाम राजेश मुनत है और यही वजह है कि छत्तीसगढ़ सरकार मेरे से नाराज है।
Source : News Nation Bureau