बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया को गिरफ्तारी के खिलाफ अंतरिम संरक्षण प्रदान करते हुए बड़ी राहत दी। सोमैया पर नौसेना के बंद हो चुके विमानवाहक पोत विक्रांत को बचाने के नाम पर जुटाए गए 57 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी का आरोप है।
अदालत ने निर्देश दिया कि गिरफ्तारी के मामले में सोमैया को 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर रिहा किया जाए।
सत्र अदालत ने उनकी याचिका खारिज करने के दो दिन बाद उन्हें राहत दे दी और एक दिन बाद उनके बेटे और सह-आरोपी नील के. सोमैया की अग्रिम जमानत याचिका भी उसी अदालत द्वारा खारिज कर दी गई।
पिता-पुत्र के खिलाफ 2013-2014 में क्राउड फंडिंग के जरिए विक्रांत के लिए कथित तौर पर 57 करोड़ रुपये इकट्ठा करने का मामला दर्ज किया गया है।
सोमैया ने उस समय कहा था कि एकत्र की गई राशि महाराष्ट्र राजभवन को सौंप दी जाएगी, लेकिन पिछले महीने एक आरटीआई के जवाब में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि राज्यपाल के कार्यालय को पैसा नहीं मिला।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को सूचित किया कि चूंकि धन भारतीय युद्धपोत के नाम का उपयोग करके एकत्र किया गया था, इसलिए उन्हें इसकी जांच करने की जरूरत है कि इसका उपयोग कैसे किया गया।
उन्होंने बताया कि सोमैया ने 140 करोड़ रुपये के संग्रह के बारे में ट्वीट किया था। जांच के साथ संभावित छेड़छाड़ या शिकायतकर्ता पर दबाव डालने की आशंका व्यक्त की थी, क्योंकि वह (सोमैया) पूर्व निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं।
आदेश के तुरंत बाद सोमैया ने अंतरिम राहत के लिए अदालत का आभार जताया और दावा किया कि महा विकास अघाड़ी सरकार का पदार्फाश हो गया है, क्योंकि उसने 57 करोड़ रुपये के घोटाले के बारे में कोई सबूत पेश नहीं किया है।
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Source : IANS