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विकास दुबे: यूपी सरकार के हलफनामे पर याचिकाकर्ता का जवाब- पुलिस की कहानी सी ग्रेड फिल्म जैसी...

कानपुर हत्याकांड विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है. यूपी सरकार के हलफनामे पर जवाब दाखिल करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि पुलिस द्वारा बताई गई एनकाउंटर की कहानी सी ग्रेड फिल्म जैसी है.

Updated on: 18 Jul 2020, 07:25 PM

नई दिल्ली:

कानपुर हत्याकांड विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है. यूपी सरकार के हलफनामे पर जवाब दाखिल करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि पुलिस द्वारा बताई गई एनकाउंटर की कहानी सी ग्रेड फिल्म जैसी है. हकीकत ये है कि बदला लेने पर उतारू पुलिस ने गैंग वार में शामिल प्रतिद्वंद्वी गिरोह जैसा बर्ताव किया.

याचिकाकर्ता ने अपने जवाब में कहा कि यूपी सरकार की ओर से न्यायिक आयोग का गठन भी अवैध है. इसको लेकर सरकार ने न विधानसभा की मंजूरी ली और न अध्यादेश पारित किया. एसआईटी में शामिल डीआईजी रविंद्र गौड़ खुद 2007 में फर्जी मुठभेड़ में शामिल रह चुके हैं. अब सुप्रीम कोर्ट विकास दुबे एनकाउंटर मामले में सोमवार को सुनवाई करेगा.

आपको बता दें कि इस हलफनामे में यूपी पुलिस ने कहा कि एनकाउंटर फर्जी नहीं है. विकास दुबे का मकसद पुलिसवालों को मारकर भाग जाना था. वो सरेंडर के लिए तैयार नहीं था. हलफनामे में कहा गया है कि पुलिस को आत्मरक्षा में गोलियां चलानी पड़ीं. इससे पहले भी वो पुलिस पर फायर कर भाग चुका है. हलफनामे में कह गया है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक यूपी पुलिस पहले ही न्यायिक आयोग का गठन हो चुका है , लिहाजा कोर्ट के दखल की ज़रूरत नहीं है.

वहीं, दूसरी ओर कानपुर के बिकरू कांड का एक दिल दहलाने वाला वीडियो सामने आया है. वीडियो में दिखाई देता है कि उस रात विकास दुबे (Vikas Dubey) के साथियों ने किस कदर पुलिस वालों पर कहर बरपाया था. दबिश देने गई टीम पर विकास और उसके साथियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. वीडियो में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि विकास और उसके गुर्गे किसी भी हाल में पुलिसकर्मियों की जान लेने पर उतारू थे.

इस मामले में जो वीडियो सामने आया है उसमें शिवराजपुर के धानाध्यक्ष महेश यादव को गोली लगने के बाद उसके साथ गांव में ही चारपाई पर लिटा देते हैं. वीडियो में महेश यादव के पैर और सीने में गोली लगी दिखाई देती है. इससे पहले इस कांड में कुछ ऑडियो सामने आए हैं. ऑडियो में भी विकास दुबे और उसके साथियों की हैवानियत सामने आ चुकी है.

2 जुलाई के रात बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. इस मामले में मुख्य आरोपी विकास दुबे घटना के बाद फरार हो गया था. देशभर की राजनीति में सुर्खियों में रहे इस कांड को लेकर विपक्षी दलों ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा था. इस मामले में यूपी एसटीएफ ने विकास के छह पांच गुर्गों को मुठभेड़ में मार गिराया. 10 जुलाई को यूपी एसटीएफ विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर ला रही थी. पुलिस की गिरफ्त से भागने के दौरान विकास दुबे को भी एनकाउंटर में मार गिराया गया.