New Update
विजय माल्या (फाइल फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
विजय माल्या (फाइल फोटो)
विजय माल्या ने पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखे पत्र के खुलासे को लेकर एक बार फिर से बयान जारी करते हुए कहा है कि वो सभी बैंकों के कर्ज़ चुकाने को तैयार है लेकिन इसमें उसे न्यापालिका की मदद चाहिए।
माल्या ने कहा कि कुछ लोग सवाल कर रहे हैं कि इस पत्र का ज़िक्र अब क्यों? मैं बता दूं कि मैंने 22 जून 2018 को कर्नाटक हाईकोर्ट में बयान दर्ज़ कर कहा था कि मैं अपनी संपत्ति बेच कर बैंक के सभी कर्ज़ चुकाना चाहता हूं।
माल्या ने आगे कहा, 'हमने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वो न्यापालिका की देखरेख में हमारी संपत्ति बेचने का आदेश जारी करें ताकि मैं बैंक के क़रीब 13,900 करोड़ रुपये का कर्ज़ अदा कर सकूं। सीबीआई और ईडी जैसी आपराधिक एजेंसियां अगर संपत्ति बेचने में बाधा उतपन्न करती है तो मतलब साफ है कि वो मुझे बैंक डिफॉल्ट के 'पोस्टर बॉय' के तौर पर पेश करने के एजेंडे के तहत काम कर रही हैं।'
माल्या ने आगे कहा, 'मैं बैंक के भरोसा रखने के लिए आगे भी कोशिश करता रहूंगा लेकिन अगर राजनीतिक कारणों से अगर मुझे निशाना बनाया गया तो मैं कुछ नहीं कर सकता।'
गौरतलब है कि विजय माल्या के तर्कों पर सरकार की तरफ से विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने कहा कि अगर वह कर्ज की अदायगी करना चाहते थे तो कई साल पहले ही इसकी अदायगी कर सकते थे।
और पढ़ें- मैने पैसे लौटाने के लिए लिखा था ख़त, फिर भी बैंक डिफॉल्ट का बना पोस्टर बॉय: माल्या
इससे पहले मंगलवार को शराब कारोबारी विजय माल्या ने 2016 में पीएम मोदी को लिखा एक पत्र सार्वजनिक किया। जिसमें माल्या ने बैंकों का बकाया देने की बात कही है।
माल्या ने पीएम मोदी को पत्र में लिखा कि वह अपनी तरफ़ से बैंक के सभी बकाया राशि लौटाने की कोशिश कर रहा है। इसके बावजूद उसे भारत में बैंक को चूना लगाने वाले 'पोस्टर बॉय' के तौर पर दिखाया जा रहा है।
बता दें कि विजय माल्या पर लगभग 17 बैंकों से 9,000 करोड़ रुपए लेकर देश से फरार होने का आरोप है। माल्या ने लिखा कि भारत में उसे जिस तरह से पेश किया गया है उससे लोगों में उनके प्रति ग़ुस्सा भड़का हुआ है।
विजय माल्या ने एक के बाद एक ट्वीट कर अपने पांच पन्ने के बयान को साझा किया है और लिखा है कि दो साल की चुप्पी के बाद, मैनें एक संपूर्ण प्रेस बयान जारी करने का निर्णय किया।
माल्या ने यूके से अपना बयान जारी करते हुए कहा, '15 अप्रैल 2016 को मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री, दोनों को एक पत्र लिखा था और अब मैं चीजों को सही संदर्भ में पेश करने के लिए इन पत्रों को सार्वजनिक कर रहा हूं।'
माल्या ने आगे कहा कि उनके पत्र का पीएम या वित्त मंत्री की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।
विजय माल्या ने लिखा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के नेतृत्व में 17 बैंकों के समूह ने किंगफिशर एयरलाइंस को करीब 5,500 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। जिसके बाद 600 करोड़ रुपये की संपत्ति को बेचकर वसूला गया। इसके अलावा साल 2013 से 1,280 करोड़ रुपये जमा किया जा चुका है।
माल्या ने कहा, 'मैं बड़े अदब के साथ कहना चाहता हूं कि मैंने सरकारी बैंकों के सभी बकाए पैसे वापस करने के पूरे प्रयास किए हैं। अगर राजनीति से प्रेरित कोई फैक्टर इसमें शामिल होता है तो मैं कुछ भी नहीं कह सकता हूं।'
बता दें कि माल्या पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) समेत देश के कुल 13 बैंकों का करीब 9,000 करोड़ रुपये बकाया है। 2 मार्च 2016 को देश से फरार हो चुके माल्या अभी लंदन में रह रहे हैं।
और पढ़ें- भगोड़ा नीरव मोदी को पकड़ने के लिए भारत ने यूरोपियन देशों से मांगी मदद
Source : News Nation Bureau