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ICICI और वीडियोकॉन के बीच 'स्वीट डील', सवालों के घेरे में आईं चंदा कोचर - समर्थन में बैंक बोर्ड

दिसंबर 2008 में वीडियोकॉन समूह के मालिक वेणुगोपाल धूत ने बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो संबंधियों के साथ मिलकर ज्वाइंट वेंचर (जेवी) बनाया।

Updated on: 29 Mar 2018, 11:40 AM

highlights

  • आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर पर लगा  भ्रष्टाचार और भाई  भतीजावाद का आरोप
  • बैंक ने दी सफाई, कहा-साख को खराब करने के मकसद से फैलाई जा रही हैं गलत खबरें

नई दिल्ली:

आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर पर वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने में कथित तौर पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का आरोप लगा है।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक दिसंबर 2008 में वीडियोकॉन समूह के मालिक वेणुगोपाल धूत ने बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो संबंधियों के साथ मिलकर ज्वाइंट वेंचर (जेवी) बनाया।

इसके बाद इस कंपनी को सुप्रीम एनर्जी की तरफ से 64 करोड़ रुपये का लोन मिला जो कि धूत की कंपनी थी। बाद में इस कंपनी का मालिकाना हक महज 9 लाख रुपये में उस ट्रस्ट को सौंप दिया गया, जिसकी कमान दीपक कोचर के हाथों में थी।

अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे लेन-देन में चौंकाने वाला तथ्य यह है दीपक कोचर को कंपनी का ट्रांसफर वीडियोकॉन ग्रुप को आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से 3,250 करोड़ रुपये का लोन मिलने के छह महीने के बाद किया गया।

अभी तक इस लोन का करीब 86 फीसदी हिस्सा यानी 2,810 करोड़ रुपये चुकाया नहीं गया है और इस खाते को 2017 में एनपीए घोषित कर दिया गया।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मामले में जांच एजेंसी धूत-कोचर-आईसीआईसीआई के बीच लेन-देन की जांच कर रही है। वहीं बैंक बोर्ड इस पूरे मामले में चंदा कोचर के समर्थन में आ गया है।

बैंक की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'बोर्ड को बैंक के एमडी और सीईओ चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है। सभी तथ्यों को देखने के बाद बोर्ड इस नतीजे पर पहुंचा है कि भाई-भतीजावाद और हितों के टकराव सहित भ्रष्टाचार की जो अफवाहें चल रही हैं, उनमें कोई सच्चाई नहीं है।'

इसमें कहा गया है कि इस तरह की अफ़वाह आईसीआईसीआई की साख को ख़राब करने के लिए फैलाई जा रही है।

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