अफगानिस्तान के कुंदुज प्रांत की एक मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले के पीड़ितों को समूहों में दफनाया गया। एक मीडिया रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से इसकी जानकारी दी गई है।
टोलो न्यूज ने बताया कि कुंदुज में अधिकारियों ने शुक्रवार को हुए घातक बम विस्फोट में मरने वालों की संख्या 46 बताई है, जबकि घायलों की संख्या 143 है। इस विस्फोट की जिम्मेदारी
इस्लामिक स्टेट (आईएस) आतंकवादी समूह ने ली है। उधर, शिया उलेमा के सदस्यों का दावा है कि विस्फोट में लगभग 120 उपासक मारे गए और 160 घायल हुए।
कुंदुज के धार्मिक विद्वान इमाम रजावी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, कब्रिस्तानों में लाए गए शवों के बारे में हमारी जानकारी के अनुसार, लगभग 120 लोग शहीद हो गए और लगभग 160 अन्य घायल हो गए।
सामूहिक अंत्येष्टि शनिवार को कुंदुज शहर में हुई।
शिया मस्जिद में हुए घातक विस्फोट की व्यापक निंदा हुई है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भयानक हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा: ऐसे हमले जो जानबूझकर अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से अभ्यास करने के अधिकार का प्रयोग करने वाले नागरिकों को लक्षित करते हैं, मौलिक मानवाधिकारों और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन हैं ।
यूरोपीय संघ ने एक बयान में कहा कि इस घृणित अपराध के अपराधियों, जिसके लिए आतंकवादी समूह आईएस-खोरासन ने जिम्मेदारी ली है, उसको न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
जीवन के अधिकार और जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों सहित सभी अफगानों के मानवाधिकारों की रक्षा और सम्मान किया जाना चाहिए।
बयान ने जारी आतंकवादी हमलों को एक स्थिर और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान के लिए एक गंभीर बाधा बताया।
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि अफगान के लोगों को आतंक से मुक्त भविष्य मिलना चाहिए।
अफगानिस्तान स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग (एआईएचआरसी) ने इस हमले को मानवाधिकार मूल्यों के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह देश के हजारा और शिया समुदाय को जानबूझकर निशाना बनाने का एक निरंतर प्रयास था।
राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के अध्यक्ष, अब्दुल्ला अब्दुल्ला और पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने भी हमले की निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
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Source : IANS