नव निर्वाचित उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू शुक्रवार को अपने पद की शपथ लेंगे। इसस पहले वेंकैया नायडू राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
इसके बाद वेंकैया नायडू शपथ राष्ट्रपति भवन जाएंगे और वहां पर उन्हें उप-राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई जाएगी। शपथ ग्रहण करने के बाद वो संसद भवन जाएंगे भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे।
उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा के सभापति होते हैं और शुक्रवार को वो सदन की कार्रवाई में राज्यसभा के सभापति के तौर पर सदन की कार्रवाई में हिस्सा भी लेंगे।
वेंकैया नायडू एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को हाराकर चुनाव जीते। विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को वेंकैया नायडू ने 272 वोटों से हराया था।
इस चुनाव में वेंकैया नायडू को 516 वोट मिले जबकि गोपालकृष्ण गांधी को 244 मत मिले थे।
और पढ़ें: वेंकैया नायडू: RSS के स्वयंसेवक से उप राष्ट्रपति बनने तक का सफर
चुनाव में 785 संसद सदस्यों में से 771 सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और कुल 98.21 फीसदी मतदान हुआ।
उप राष्ट्रपति चुनाव में संख्याबल को देखते हुए वेंकैया नायडू की जीत तय मानी जा रही थी। वह भैरों सिंह शेखावत के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि वाले दूसरे उप राष्ट्रपति बने हैं।
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्र सरकार के सभी मंत्री मौजूद होंगे। इसके अलावा बीजेपी शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के भी मौजूद रहने की संभावना है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू और तेलंगाना के चंद्र शेखर राव के भी शिरकत करने की संभावना है।
और पढ़ें: PICS: उपराष्ट्रपति बनने वाले बीजेपी के दूसरे नेता बनेें वेंकैया नायडू, तस्वीरोंं में देखें इनका प्रोफाइल
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा विपक्ष के तमाम नेता भी शामिल होंगे।
राजनीतिक जीवन
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में जन्में वेंकैया नायडू छात्र जीवन में 70 के दशक में आरएसएस से जुड़े। उनकी पहचान एक आंदोलनकारी छात्र के रूप में रही और उन्होंने 1972 में 'जय आंध्र आंदोलन' में भाग लिया। नायडू 1973 से 74 तक आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष रहे।
उन्होंने 1975 में आपातकाल विरोध में हुए आंदोलन में भाग लिया और इसके लिए उन्हें जेल जाना पड़ा। नायडू लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विचारधारा से काफी प्रभावित थे। आपातकाल के बाद नायडू 1977 से 1980 तक जनता पार्टी के युवा शाखा के अध्यक्ष रहे।
नायडू पहली बार 1978 में नेल्लोर विधानसभा क्षेत्र से चुनकर विधानसभा पहुंचे। वह दो बार विधायक रहे। उसके बाद नायडू 1985 से 1988 तक बीजेपी महासचिव रहे। नायडू पहली बार कर्नाटक से 1988 में राज्यसभा पहुंचे। उसके बाद 2004 और 2010 में राज्यसभा सदस्य बने।
और पढ़ें: डाकोला विवाद के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा से मिलीं सुषमा स्वराज
नायडू अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे। उसके बाद 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार में शहरी विकास मंत्री बने। नायडू 2016 में सूचना प्रसारण मंत्री बने। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री का भी कार्यभार संभाला।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) उम्मीदवार बनाये जाने के बाद उन्होंने 17 जुलाई को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
वेंकैया नायडू 1988 से 1993 आंध्र प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष रहे। पार्टी में उनका कद बढ़ता गया और नायडू 2002 से 2004 तक उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का उतरदायित्व निभाया।
और पढ़ें: वेंकैया नायडू बोले, भारत धर्मनिरपेक्षता के लिए पूरी दुनिया में मिसाल
Source : News Nation Bureau