अयोध्या विवाद: VHP ने वार्ता से किया इनकार, वेदांती ने पूछा-कौन हैं श्री श्री

अयोध्या विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे श्री श्री रविशंकर की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने रविशंकर की सुलह की कोशिशों में शामिल होने से इनकार कर दिया है।

अयोध्या विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे श्री श्री रविशंकर की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने रविशंकर की सुलह की कोशिशों में शामिल होने से इनकार कर दिया है।

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Abhishek Parashar
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अयोध्या विवाद: VHP ने वार्ता से किया इनकार, वेदांती ने पूछा-कौन हैं श्री श्री

आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर (फाइल फोटो)

अयोध्या विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे श्री श्री रविशंकर की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। 

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विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने रविशंकर की सुलह की कोशिशों में शामिल होने से इनकार कर दिया है।

विश्व हिंदू परिषद का बयान रविशंकर की मध्यस्था की पेशकश और शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के अयोध्या विवाद का सौहार्द्रपूर्ण समाधान निकाले जाने की कोशिशों के बाद आया है।

परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि पुरातात्विक साक्ष्य हिंदुओं के पक्ष में है। उन्होंने कहा, 'हिंदुओं के पक्ष में पुरातात्विक साक्ष्य आने के बाद राम जन्मभूमि को लेकर किसी समझौते की कोई गुंजाइश ही नहीं है। अदालत भी सबूतों के आधार पर काम करती है।'

उन्होंने कहा, 'वीएचपी श्री श्री रविशंकर का सम्मान करता है लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि इस मामले में प्रधानमंत्री, सरकारें और शंकराचार्य तक कोशिश कर चुके हैं लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।'

गौरतलब है कि अयोध्या विवाद को लेकर गुरुवार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद रविशंकर आज अयोध्या में संतों से मुलाकात कर रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने भी रविशंकर को लेकर सवाल उठाए हैं। 

वेदांती ने कहा, 'इस मामले में मध्यस्थता करने वाले रविशंकर होते कौन हैं? उन्हें अपना एनजीओ चलाते हुए विदेश फंड जमा करना चाहिए। मेरा मानना है कि

उन्होंने काफी संपत्ति जमा कर रखी है और जांच से बचने के लिए वह राम मंदिर विवाद में कूद रहे हैं।'

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वेदांती से पहले विनय कटियार भी रविशंकर की मध्यस्थता को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इतना ही नहीं सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड भी इस मामले में उनकी मध्यस्था को लेकर सवाल उठा चुका है।

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के चेयरमैन जफरयाब जिलानी कह चुके हैं कि वह किसी से भी मिलने के लिए आजाद हैं लेकिन इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकलना है और नहीं मुस्लिम पक्ष बाबरी मस्जिद पर कभी अपना दावा छोड़ेगा।

गौरतलब है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 5 दिसंबर लगातार सुनवाई होने जा रही है। इससे पहले 2008 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस विवाद का निपटारा करते हुए विवादित भूमिक को तीन हिस्सों में बांट दिया था।

कोर्ट ने राम लला, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के बीच तीन हिस्सों में जमीन का बंटवारा किया था।

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HIGHLIGHTS

  • अयोध्या विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे श्री श्री रविशंकर की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है
  • विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने रविशंकर की सुलह की कोशिशों में शामिल होने से इनकार कर दिया है

Source : News Nation Bureau

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