विश्व हिंदू परिषद् ने राम मंदिर पर धार्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर की कोशिशों से खुद को अलग कर लिया है। परिषद क कहना है कि उन्हें इस मामले में दखल नहीं देना चाहिये था।
वीएचपी के महासचिव चंपत राय ने कहा, 'उन्होंने (रविशंकर) हमसे इस संबंध में कोई चर्चा नहीं की थी। अगर वो मध्यस्थता कर रहे हैं तो ये उनकी निजी कोशिश है। वीएचपी का इससे कोई लेना देना नहीं है।'
उडुपी में हो रहे तीन दिवसीय धर्म संसद के दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि रविशंकर अगर किसी समझौते पर पहुंचते हैं तो उन्हें इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देनी होगी।
उन्होंने कहा, 'ये मसला चार-पांच लोगों के बीच किसी विवाद को लेकर नहीं है, बल्कि दो समुदायों के बीच का मामला है।'
उन्होंने कहा,'श्री श्री रविशंकर को राम मंदिर विवाद के हल के लिये दखल नहीं देना चाहिये था।'
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उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी इसको अहमियत नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मोहन भागवत ने उनकी कोशिशों को मान्यता नहीं दी है, लेकिन उन्होंने इसकी आलोचना भी नहीं की है। भागवत दी ने साफ कहा कि उनसे श्री श्री ने एक बार भी चर्चा नहीं की है।'
राय ने कहा, 'उन्होंने (भागवत) कहा जो भी इसका हल निकालेगा उसे धर्म संसद के पास आना पड़ेगा।'
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Source : News Nation Bureau