logo-image

VHP का दावा: बंगाल में हिंसा से प्रभावित हुए 3500 गांवों के 40 हजार से अधिक हिंदू

विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि समाज में भय का वातावरण है. जिसके कारण व पुलिस के असहयोग के चलते पीड़ितों की शिकायतों को दर्ज नहीं करने दिया जा रहा.

Updated on: 14 May 2021, 09:43 PM

नई दिल्ली:

विश्व हिंदू परिषद ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा से 40 हजार से अधिक हिंदुओं के प्रभावित होने का दावा किया है. विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने शनिवार को कहा है कि दुर्भाग्य से पश्चिमी बंगाल में दो मई से प्रारंभ हुई क्रूर राजनैतिक हिंसा का शिकार राज्य का हिंदू समाज अब तक हो रहा है. 3500 से अधिक गांवों के 40 हजार से अधिक हिंदू हिंसा से प्रभावित हुए हैं. इसमें बड़ी संख्या में दलित हैं. उन्होंने कहा कि अनेक स्थानों पर महिलाओं पर क्रूर अत्याचार हुए हैं. खेत नष्ट किए गए हैं. दुकानें व घर ध्वस्त किए गए हैं. मछली व्यवसाईयों के तालाबों में जहर डाला गया. लूट और मारपीट से बचाने के लिए जबरन पैसे वसूले जा रहे. इतने दिनों से चल रही वीभत्स हिंसा पर राज्य शासन-प्रशासन का रवैया पूरी तरह से तिरस्कार पूर्ण तथा उदासीनता का ही दिख रहा है.

विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि समाज में भय का वातावरण है. जिसके कारण व पुलिस के असहयोग के चलते पीड़ितों की शिकायतों को दर्ज नहीं करने दिया जा रहा. इसी रवैया को देखते हुए विश्व हिंदू परिषद राज्य की न्यायपालिका का आवाहन करती है कि वह लोकहित में, नागरिकों की रक्षार्थ, मामले का स्वत: संज्ञान लेकर राज्य सरकार तथा स्थानीय प्रशासन को उनके कर्तव्यों के पालन के प्रति कठोरता से निर्देश दे. दंगाइयों पर शीघ्र अंकुश लगा कर उन्हें कठोरतम सजा होनी ही चाहिए. साथ ही हिंसा व आक्रमण के शिकार हिंदू समाज की रक्षा की पुख्ता व्यवस्था, उनके जान-माल के नुकसान की भरपाई तथा पुनर्वास की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा शीघ्रता से होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि अनेक स्थानों पर हिंदूओं से उनके वोटर कार्ड, आधार कार्ड और राशन कार्ड इत्यादि महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भी ज़बरन छीन लिया गया है. वे उन्हें पुनः दिलवाए जाने चाहिए तथा हिंसा के शिकार लोगों पर लगे झूठे मुकदमे निरस्त किए जाने चाहिए. अपने ही राज्य में शरणार्थी जैसा अपमानजनक जीवन जीने को हिंदू समाज विवश है. कहा, हम राज्य सरकार से भी अपेक्षा  करते हैं कि क्षुद्र राजनीति से ऊपर उठकर, जो घिनौने अत्याचार स्थानीय अपराधियों व जिहादी तत्वों के माध्यम से हो रहे हैं, उन्हें वह कठोरता से रोके.