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तमिलनाडु संकट: आय से अधिक संपत्ति मामले में शशिकला पर आज SC सुनाएगा फैसला, जानें क्या है मामला

शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक (एआईडीएमके) की महासचिव शशिकला की सियासी किस्मत तय होगी।

Updated on: 14 Feb 2017, 06:46 AM

highlights

  • शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगा
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एआईडीएमके की महासचिव शशिकला की सियासी किस्मत तय होगी

New Delhi:

शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक (एआईडीएमके) की महासचिव शशिकला की सियासी किस्मत तय होगी।

अन्नाद्रमुक विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद शशिकला राज्यपाल सी विद्यासागर राव के समक्ष बहुमत साबित किए जाने का दावा पेश किया था लेकिन राज्यपाल ने उन्हें अभी तक सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया है।

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सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से शशिकला को बहुमत साबित किए जाने के लिए अब तक नहीं बुलाया है।

जाने क्या हैं शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला?

शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के कार्यकाल से जुड़ा हुआ मामला है। जयललिता के मुख्यमंत्री रहने के दौरान शशिकला पर अपने और परिवार के लिए संपत्ति जमा करने का आरोप लगा था। 

इसके बाद 7 दिसंबर 1996 को जयललिता के साथ उन्हें गिरफ्तार किया गया। जयललिता, शशिकला और उनके रिश्तदारों वी एन सुधाकरन और इलावरसी पर आरोप है कि उन्होंने 1991 से 1996 के बीच जयललिता के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर 66.65 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति जुटाई। 

मामले में सितंबर 2014 में बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने जयललिता शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को चार साल की सजा और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।

इस मामले में शशिशकला को उकसाने और साजिश रचने का दोषी करार दिया गया था। हालांकि मई 2015 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने जयललिता और शशिकला समेत सभी को बरी कर दिया था।

इसके बाद कर्नाटक सरकार, डीएमके और सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने चार महीने की सुनवाई के बाद पिछले साल जून में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक सरकार की दलील थी कि हाईकोर्ट का फैसला गलत है।

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सुप्रीम कोर्ट में शशिकला के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर मामले का फैसला आने तक उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए जाने से रोके जाने का आदेश दिए जाने की मांग की गई है।

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