मानव संसाधन को मानव पूंजी में बदलें : वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को देश की विशाल युवा आबादी की 'संभावित संपत्ति' को 'वास्तविक संपत्ति' में बदलने का आग्रह किया, अन्यथा यह एक बेहतरीन अवसर से चूक जाना साबित होगा।

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vineet kumar1
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मानव संसाधन को मानव पूंजी में बदलें : वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को देश की विशाल युवा आबादी की 'संभावित संपत्ति' को 'वास्तविक संपत्ति' में बदलने का आग्रह किया, अन्यथा यह एक बेहतरीन अवसर से चूक जाना साबित होगा।

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उन्होंने प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालानोबिस की 125वीं जयंती के अवसर पर यहां मौजूद भीड़ को संबोधित करने के दौरान यह टिप्पणी की। 

सांख्यिकी के क्षेत्र में महालानोबिस के अनुसंधान के महत्व की व्याख्या करते हुए उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि आंकड़े वास्तव में सुशासन की रीढ़ की हड्डी है और निगरानी और मूल्यांकन की योजना के लिए जरूरी हैं।

नायडू ने कहा, 'हमें जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए कंप्यूटिंग, संचार और रोबोटिक्स की शक्ति का उपयोग करने की जरूरत है .. और वैकल्पिक सूचना तैयार करने के लिए, हमें आंकड़ा चाहिए, हमें आंकड़ों की आवश्यकता है, हमें विश्लेषण और संश्लेषण के लिए उपकरणों की आवश्यकता है।'

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उपराष्ट्रपति ने कहा, 'हमारी जनसंख्या की 65 प्रतिशत से अधिक आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। यह जनसांख्यिकीय आंकड़े महत्वपूर्ण हैं..यदि हम इस संभावित संपत्ति को वास्तविक संपत्ति में बदल सकें।'

नायडू ने कहा, 'अगर हम मानव संसाधनों के इस जलाशयों से पानी निकालने में और मानव पूंजी में बदलने में विफल रहते हैं तो यह मौका चूक जाना होगा और देश को गरीबी, असमानता, सामाजिक अशांति और अस्थिर विकास सहित कई सामाजिक-आर्थिक परिणामों का सामना करना पड़ेगा।'

नायडू ने कहा कि कृत्रिम बुद्धि के साथ आंकड़े और बड़े डेटा प्रबंधन आने वाले वर्षों में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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Source : IANS

Naidu Professor Government of India Politics of India
      
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