विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारों का दमन कर रहा तालिबान

विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारों का दमन कर रहा तालिबान

विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारों का दमन कर रहा तालिबान

author-image
IANS
New Update
Veiled Afghan

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) द्वारा संकलित एक नई सूची के अनुसार, तालिबान कम से कम 32 अलग-अलग क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को वापस ले रहा है।

Advertisment

द टेलीग्राफ, यूके ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि एचआरडब्ल्यू ने कहा है कि शिक्षा तक पहुंच को प्रतिबंधित करना सबसे हाई प्रोफाइल दुर्व्यवहार रहा है और महिलाओं के जीवन में व्यवस्थित रूप से भेदभाव हो रहा है।

अफगानिस्तान के एक प्रमुख विशेषज्ञ और एचआरडब्ल्यू के महिला अधिकार प्रभाग के कार्यवाहक निदेशक हीथर बर्र ने कहा कि तालिबान शिक्षा, रोजगार, फ्रीडम ऑफ मूवमेंट (अकेले घर से बाहर निकलना), पोशाक, लिंग आधारित हिंसा, स्वास्थ्य देखभाल और खेल तक पहुंच सहित कई श्रेणियों में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान की ओर से महिलाओं पर प्रतिबंध की सूची इससे भी कहीं बड़ी है। इसमें घरेलू हिंसा से भागने वालों के लिए देश के लगभग सभी महिला आश्रयों को बंद करना, पुरुष डॉक्टर या स्वास्थ्य पेशेवरों से महिला का इलाज न कराना जैसी बुनियादी और स्वास्थ्य सेवा तक उनकी पहुंच को नाटकीय रूप से प्रतिबंधित करना भी शामिल है।

एक प्रमुख चिंता फ्रीडम ऑफ मूवमेंट को लेकर है। जब तालिबान अफगानिस्तान में आखिरी बार 1996 और 2001 के बीच सत्ता में था, तो उनकी एक नीति थी कि महिलाएं अपने घर तभी छोड़ सकती हैं, जब उनके साथ कोई महरम या उनके परिवार का पुरुष सदस्य हो।

यह फिलहाल आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय स्तर पर नीति तो नहीं बनी है, लेकिन एचआरडब्ल्यू के शोध से पता चला है कि पिछले हफ्ते हेरात शहर की सड़कों पर इसी दकियानुसी फॉर्मूले को तालिबान अधिकारियों और लड़ाकों द्वारा बेतरतीब ढंग से (रेंडमली) लागू किया जा रहा था।

महिलाओं के अधिकारों को दबाने वाली सूची में आगे कुछ चीजें जोड़ी जाए तो यह बिंदु महत्वपूर्ण है कि तालिबान के मंत्रिमंडल में कोई महिला सदस्य नहीं हैं और महिला मामलों के मंत्रालय सरकार से गायब हो गए हैं।

बर्र ने कहा कि हेरात में तालिबान लड़ाकों द्वारा दस्ताने न पहनने और खेल खेलने पर प्रतिबंध लगाते हुए महिलाओं को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लिंग आधारित हिंसा से निपटने की प्रणाली और कानून ध्वस्त हो चुके हैं।

हालांकि जोखिमों के बावजूद, कई बहादुर महिलाओं ने प्रतिबंध, मार-पीट और उत्पीड़न के बावजूद अपना विरोध जताया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कामकाजी महिलाओं को भी अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि तालिबान ने काबुल सरकार में सभी महिला कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। केवल वही महिलाएं ही काम करने में सक्षम हैं, जिन्हें अपूरणीय माना जाता है, यानी उनके स्थान पर पुरुष काम नहीं कर सकते, जैसे कि महिला शौचालयों की सफाई करने वाली महिलाएं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
Advertisment