जनसंख्या नियंत्रण: कानून की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मौलाना आजाद के पौत्र ने लगाई याचिका
हैदराबाद की मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के कुलपति फिरोज बख्त अहमद ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
नई दिल्ली/हैदराबाद:
भारत में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून लाने को लेकर आवाज जोर पकड़ने लगी है. परिवार नियोजन के ध्येय वाक्य 'हम दो, हमारे दो' और 'बच्चे दो ही अच्छे' के साथ कुछ राज्य नई जनसंख्या नीति पर काम शुरू भी कर चुके हैं. उत्तर प्रदेश और असम की सरकार इन कानूनों को आने की तैयारी में लगी हैं, लेकिन यह कानून पूरे देश में लाया जाए, इसको लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर भी पहुंच गया है. हैदराबाद की मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के कुलपति फिरोज बख्त अहमद ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
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उर्दू भाषा के विद्वान फिरोज बख्त देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के बड़े भाई के पौत्र हैं. फिरोज बख्त अहमद ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. उन्होंने याचिका में मांग की है कि कोर्ट केंद्र सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रभावी नियम बनाने के लिए कहे. इसके तहत दो से अधिक बच्चे वालों को सरकारी नौकरी, सहायता और सब्सिडी न दी जाए. उन्हें मताधिकार से भी वंचित करने पर विचार हो.
गौरतलब है कि जनसंख्या विस्फोट से देश पर बोझ बढ़ रहा है और इस पर नियंत्रण को लेकर कानून लाने का समर्थन बहुत से लोग कर रहे हैं. हाल ही में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण कानूनों के समर्थन में सामने आया. एबीएपी प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि अखाड़ा परिषद भी केंद्र सरकार से अधिकतम दो बच्चे पैदा करने के लिए कानून की मांग करता है. सभी साधु-संत भी इसका पूरा समर्थन करते हैं.
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इतना ही नहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत भी जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की बात कह चुके हैं. उन्होंने यहां तक कहा कि आरएसएस इस मुद्दे पर जागरूकता अभियान भी चलाएगा. बीते दिनों उन्होंने कहा था कि हम हमेशा दो बच्चों के समर्थन में रहे हैं. हालांकि, इस संबंध में अंतिम फैसला केंद्र सरकार को लेना है.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के राज्य विधि आयोग ने राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है. दूसरी तरफ असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) भी दो-टूक कह चुके हैं कि राज्य सरकार कुछ विशेष सरकारी योजनाओं का लाभ देने में दो बच्चा नीति लागू करेगी. यह काम क्रमवार तरीके से किया जाएगा.
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