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राजस्थान भाजपा के चिंतन शिविर में दिग्गजों की कमी से कई सवाल हुए खड़े

राजस्थान भाजपा के चिंतन शिविर में दिग्गजों की कमी से कई सवाल हुए खड़े

Updated on: 23 Sep 2021, 03:15 PM

जयपुर:

राजस्थान के कुंभलगढ़ शहर में आयोजित दो दिवसीय भाजपा की चिंतन शिविर में भाजपा कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर मिशन 2023 पर ध्यान केंद्रित करने और आपसी कलह को रोकने का कड़ा संदेश दिया गया। हालांकि, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भूपेंद्र यादव की अनुपस्थिति ने कई सवालों को जन्म दे दिया है।

भाजपा के अधिकारियों ने इन नेताओं की अनुपस्थिति को तवज्जो नहीं दी और कहा कि उनकी अपनी व्यक्तिगत और व्यावसायिक प्रतिबद्धताएं हैं।

पार्टी के एक नेता ने कहा राजे की बहू की तबीयत खराब है, शेखावत को पंजाब संकट से निपटने की जिम्मेदारी दी गई है जबकि यादव मणिपाल के प्रभारी हैं, इसलिए ये नेता बैठक से अनुपस्थित हैं।

कुंभलगढ़ में सोमवार और मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी.एल. संतोष के दिशानिर्देश में दो दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया।

बैठक में निर्णय लिया गया कि पार्टी संगठन और केंद्र सरकार द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर बिना सीएम चेहरे के विधानसभा चुनाव लड़ेगी।

संसदीय बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार सीएम को अंतिम रूप दिया जाएगा, अधिकारियों ने कहा कि बैठक में इस मुद्दे पर फैसला किया गया है।

आलाकमान द्वारा सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद से राजस्थान में भाजपा गुटबाजी में घिर गई है, हालांकि राज्य के नेताओं ने इस बात से इनकार किया है कि पार्टी में कोई अंदरूनी कलह है।

एक नेता ने कहा कि इस नेतृत्व को पार्टी में किसी भी तरह की अनुशासनहीनता से निपटने की खुली छूट दी गई है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.