नई दिल्ली:
भाजपा सांसद वरुण गांधी का कहना है कि 1952 से लेकर अब तक आर्थिक मदद देने में किसानों के मुकाबले उद्योगपतियों को वरीयता दी गई है. उनका कहना है कि देश के 100 उद्योगपतियों को सरकार से जितनी आर्थिक मदद मिली है, उसके मुकाबले किसानों को उसका 17% ही मिल पाया है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की अधिकांश योजनाओं का किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है. वरुण गांधी का कहना है कि गांवों को गोद लेने से भी कोई फायदा नहीं हो पाया है.
एक कार्यक्रम में सुल्तानपुर से सांसद वरुण ने कहा, ‘‘क्या आप जानते हैं कि 1952 से लेकर अब तक देश के 100 उद्योगपतियों को जितना पैसा दिया गया, उसका सिर्फ 17 फीसद धन ही केंद्र और राज्य सरकारों से किसानों को अब तक दी गई आर्थिक मदद के तौर पर मिला है। ऐसे हालात हैं और हम किसानों की बात करते हैं।’’
वरुण ने कहा, ‘‘हमें सोचना होगा की देश के आखिरी आदमी तक लाभ कैसे पहुंचाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा गांव गोद लीजिए। हमने भी गांव गोद लिया। लेकिन हमने देखा कि आप सड़क बनाएं, पुलिया बनाएं, सोलर पैनल लगाएं फिर भी लोगों की आर्थिक स्थिति नहीं बदलती। यहां तक कि स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या में भी कोई बदलाव नहीं आता।’’
इससे पहले वरुण गांधी ने पिछले महीने उत्तरप्रदेश में अपने निर्वाचन क्षेत्र सुल्तानपुर दौरे के वक्त भी मोदी सरकार पर तंज कसा था. उन्होंने कहा था कि सिर्फ भारत माता की जय बोलने से राष्ट्रभक्ति साबित नहीं होगी. किसानों के कर्ज न चुकाने के मुद्दे पर कहा था कि करीब 80 फीसदी किसानों ने कर्ज चुका दिया है. जबकि भगोड़े उद्योगपतियों ने देश को कर्ज में डुबोने का काम किया है.