सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पिछले साल ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पाए गए एक शिवलिंग के वैज्ञानिक सर्वेक्षण और कार्बन-डेटिंग की अनुमति देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निदेर्शो पर अलगी सुनवाई तक रोक लगा दी।
मस्जिद समिति का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ से कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक सर्वेक्षण सोमवार को शुरू होने वाले हैं। उन्होंने अदालत से इसकी अनुमति नहीं देने का आग्रह किया क्योंकि इसके बाद शीर्ष अदालत की गर्मी की छुट्टी शुरू हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अदालत के एक अधिकारी के रूप में मेरी चिंता यह है कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार कवायद करने से ढांचे को कुछ नुकसान हो सकता है, जिसके बारे में एक पक्ष कहता है कि यह शिवलिंग है और दूसरा पक्ष कहता है कि यह एक फव्वारा है। उन्होंने कहा कि हमें यह देखना होगा कि यह कवायद (वैज्ञानिक सर्वेक्षण) कैसे किया जाए और इसके लिए बेहतर होगा यदि सुप्रीम कोर्ट एक आदेश पारित करे। इसके लिए प्रतीक्षा की जा सकती है।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने मस्जिद समिति द्वारा याचिका पर नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश की बारीकी से जांच की आवश्यकता होगी, हम निर्देश देते हैं कि उच्च न्यायालय के 12 मई के आदेश में दिए गए निदेशरें का कार्यान्वयन अगली तारीख तक स्थगित रहेगा..।
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि एएसआई के चार विशेषज्ञों ने एक रिपोर्ट दी है कि संरचना को बिल्कुल भी क्षतिग्रस्त नहीं किया जाएगा और अदालत से एएसआई से रिपोर्ट मांगने का आग्रह किया। मेहता ने कहा हम यह भी पता लगा सकते हैं कि क्या कोई अन्य तकनीक है..।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, हम रिपोर्ट मांगने के खिलाफ नहीं हैं.. हमें सिर्फ सॉलिसिटर की दलीलों से लगा, उन्हें स्थिति पर विचार करने दें. वे इस बीच एएसआई से भी परामर्श करेंगे.. सरकार को भी विचार करने दें कि क्या विकल्प हैं.. ये ऐसे मामले हैं जिनमें थोड़ा संभलकर चलना पड़ता है, अभी इसे टाल दें।
हुजेफा ने अदालत को बताया कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की प्रबंधन समिति द्वारा दायर याचिका में रखरखाव के मुद्दे पर वाराणसी अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी, लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा कार्बन डेटिंग के आदेश की अनुमति दी गई थी।
इस महीने की शुरुआत में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग की उम्र का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने एएसआई से यह सुनिश्चित करने को कहा कि सर्वेक्षण के दौरान ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा की एकल पीठ हिंदू पक्ष द्वारा शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। एएसआई ने सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
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Source : IANS