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आज से 'वंदे भारत एक्सप्रेस' के सफर का लुत्फ उठा पाएंगे यात्री, पहली बार वाणिज्यिक यात्रा पर रवाना होगी ट्रेन

देश की पहली स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन 'वंदे भारत एक्सप्रेस' में आई खराबी को दूर करने के बाद ट्रेन आज यात्रियों को लेकर अपने पहली वाणिज्यिक यात्रा पर रवाना होने के लिए तैयार है.

Updated on: 17 Feb 2019, 09:57 AM

नई दिल्ली:

देश की पहली स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन 'वंदे भारत एक्सप्रेस' में आई खराबी को दूर करने के बाद ट्रेन आज यात्रियों को लेकर अपने पहली वाणिज्यिक यात्रा पर रवाना होने के लिए तैयार है. ये ट्रेन दिल्ली और वाराणसी के बीच सप्ताह में पांच दिन चलेगी. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि यह ट्रेन पूरी तरह से बुक हो गई है. आने-जाने वाली दोनों यात्राओं के लिए टिकटें गुरुवार को सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर ही बुक हो गई थी.

दिल्ली से वाराणसी का वातानुकूलित कुर्सी यान टिकट 1760 रूपये होगा, एक्सक्यूटिव श्रेणी का टिकट 3310 रूपये है. लौटने में टिकट की कीमत 1700 और 3260 रूपये के होंगे. दोनों किरायों में कैटरिंग शुल्क शामिल है. कुर्सी यान का किराया शताब्दी ट्रेनों के किराए से 1.4 गुना ज्यादा है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के एक दिन बाद ही 'वंदे भारत एक्सप्रेस' में वाराणसी से दिल्ली लौटते समय शनिवार तड़के कुछ परेशानी आ गई थी. रेलवे अधिकारियों ने बताया, 'पहियों के फिसलने' के कारण ट्रेन में दिक्कत पैदा हुई.'  हालांकि ट्रेन में सवार लोगों ने दावा किया कि यह ब्रेक के सही तरह से काम ना करने का मामला है.

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ट्रेन अपनी पहली वापसी यात्रा पर शुक्रवार रात करीब साढ़े दस बजे वाराणसी जंक्शन से दिल्ली रवाना हुई थी. अपनी पहली यात्रा पर वाराणसी पहुंचने के करीब 45 मिनट बाद ही ट्रेन दिल्ली के लिए रवाना हो गई. पहली बार ट्रेन में तड़के साढ़े छह बजे उत्तर प्रदेश में टूंडला जंक्शन से करीब 15 किलोमीटर दूर दिक्कत आई. उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने बताया, 'यह मवेशी सामने आने का मामला है जिसकी वजह से पहिए फिसलने की दिक्कत आई.'

सूत्रों के मुताबिक, ट्रेन एक घंटे से अधिक समय तक टूंडला के समीप फंसी रही. ट्रेन में कई पत्रकार सवार थे. उन्होंने बताया कि ट्रेन के रुकने से पहले उसकी आखिर की बोगियों ने तेज आवाज करनी शुरू कर दी.

ट्रेन में एक सूत्र ने बताया, 'आखिरी की चार बोगियों में थोड़ी बदबू आ रही थी. थोड़ा धुआं भी उठते देखा गया. लोको पायलटों ने कुछ समय के लिए ट्रेन की गति कम कर दी. मैंने अधिकारियों को ब्रेक में खामी के बारे में बात करते हुए सुना.'

सुबह करीब सवा आठ बजे इंजीनियरों से खामी दूर की और ट्रेन ने 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा शुरू की जिसे बाद में थोड़े समय के लिए 40 किमी. प्रति घंटा कर दिया गया.इसके बाद इसमें सवार पत्रकारों और अधिकारियों को दिल्ली जाने वाली दूसरी ट्रेन में बैठा दिया गया. 

अधिकारियों ने यहां बताया कि सुबह करीब आठ बजकर 55 मिनट पर वंदे भारत एक्सप्रेस फिर रुकी. आवश्यक मरम्मत के बाद उसने 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ फिर से दिल्ली की यात्रा शुरू की.

रेलवे की प्रवक्ता स्मिता वत्स शर्मा ने कहा, 'ऐसा प्रतीत होता है कि मवेशी के सामने आ जाने से यह अवरोध पैदा हुआ। ट्रेन रात को लौट रही थी और आशंका है कि रात के समय उसके सामने मवेशी आ गए थे.'

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वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, 'मोदी जी, मुझे लगता है कि मेक इन इंडिया पर गंभीरता से पुनर्विचार करने की जरूरत है. ज्यादातर लोग महसूस करते हैं यह विफल हो चुका है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम कांग्रेस में इस बारे में बहुत गहराई से विचार कर रहे हैं कि इसे कैसे किया जाएगा.'

राहुल गांधी के इस ट्वीट का जवाब केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट के जरिए दिया. उन्होंने कहा, 'शर्म की बात है कि आपने भारतीय इंजीनियरों, तकनीशियनों और मजदूरों की कड़ी मेहनत एवं सरलता पर हमला किया है. यह ऐसी मानसिकता है जिसमें बदलाव करने की आवश्यकता है. 'मेक इन इंडिया' एक सफलता है और करोड़ों भारतीयों की जीवन का हिस्सा है। आपके परिवार के पास सोचने के लिए 6 दशक थे, क्या यह पर्याप्त नहीं थे?'

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र ने 15 फरवरी को इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. 'वंदे भारत एक्सप्रेस' दिल्ली-मुंबई राजधानी मार्ग के सेक्शन पर परीक्षण के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी थी और इसी के साथ वह भारत की सबसे तीव्र गति वाली ट्रेन बन गई.