लखीमपुर हिंसा: किसान हरियाणा, बिहार और कर्नाटक में रेल पटरियों पर बैठे, 30 जगहों पर रेल सेवा प्रभावित
लखीमपुर हिंसा: किसान हरियाणा, बिहार और कर्नाटक में रेल पटरियों पर बैठे, 30 जगहों पर रेल सेवा प्रभावित
नई दिल्ली:
लखीमपुर हिंसा मामले पर संयुक्त किसान मोर्चा ने गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी और इस्तीफे की मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन आह्वान किया गया है। इसके तहत हरयाणा, बिहार और कर्नाटक के रेलवे स्टेशनों पर किसान विरोध स्वरूप रेल पटरियों पर बैठ गए हैं।उत्तर रेलवे की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, नॉर्दन रीजन में कुल 30 जगहों पर रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
वहीं किसानों ने हरियाणा के सोनीपत रेलवे स्टेशन की पटरियों पर डेरा डाला हुआ है। बिहार के लालगंज रेलवे स्टेशन और कर्नाटक के विजयापुरा रेलवे स्टेशन पर किसानों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
इसके अलावा नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली और गजि़याबाद जैसे स्टेशनों पर अगले 2 घंटे में पहुँचने वाली गाड़ियाँ तो अपने तय समय पर पहुंच रही है लेकिन इक्का-दुक्का गाड़ी ही 15 मिनट की देरी से पहुँच रही है।
दरअसल आज 6 घँटे देशव्यापी रेल रोको आह्वान में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक किसान रेल सेवाएं बाधित रहेंगी।
संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ कर दिया है कि, लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में जब तक न्याय नहीं मिल जाता, तब तक प्रदर्शन लगातार तेज होता जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी और इस्तीफे को लेकर यह रेल रोकी जा रही हैं। यदि सरकार शाम 4 बजे तक हमारी मांगो को नहीं मानती तो हम आगे की रणनीति बनाएंगे।
आम लोगों को 2 साल से परेशानी हो रही है और यह आम जनता की ही लड़ाई है। इस रेल रोको आंदोलन के बाद से दबाब जरूरी बनेगा।
एसकेएम के मुताबिक, सोमवार को 6 तक घंटे रेल रोको कार्यक्रम रहेगा, इसके तहत पूरे भारत में सुबह 10 से शाम 4 बजे तक रेल सेवाएं बाधित रहेंगी। रेल रोको पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा और रेल संपत्ति को कोई क्षति नहीं पहुंचाई जाएगी।
एसकेएम ने अपने सभी घटकों से दिशानिर्देश को सख्ती से पालन करने की अपील भी की है।
हालांकि गाजीपुर बॉर्डर पर एहतिहातन पुलिस की ओर से सड़क मार्ग डाइवर्ट किया गया है। जिसके तहत गाजीपुर बॉर्डर की तरफ जाने वाले रोड को डाबर की तरफ से डाइवर्ट हुआ है। वहीं आनंद विहार होते हुए ट्रैफिक को भेजा जा रहा है। इसके कारण जगह जगह पर लंबा जाम लग गया है।
दरअसल बीते 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा के तुरंत बाद ही संयुक्त किसान मोर्चा ने घटना में न्याय सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा की थी।
मोर्चा के सभी नेताओं ने अजय मिश्रा टेनी को मोदी सरकार में मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने की मांग की है। एसकेएम के मुताबिक, अजय मिश्रा के केंद्र सरकार में गृह राज्य मंत्री होने के कारण, इस मामले में न्याय सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है।
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