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Uttarakhand: कौन बनेगा CM... ये चार नाम हैं रेस में सबसे आगे

सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेतृत्‍व मौजूदा विधायकों में से ही किसी को नया मुख्‍यमंत्री बना सकता है.

Updated on: 03 Jul 2021, 07:23 AM

highlights

  • संवैधानिक संकट न खड़ा हो इसलिए देना पड़ा रावत को इस्तीफा
  • विधानसभा चुनाव होने हैं अगले साल, नहीं हो सकता उपचुनाव
  • ऐसे में तीरथ सिंह रावत नहीं बन सकते थे विधानसभा सदस्य

देहरादून:

महज 115 दिन उत्‍तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने शुक्रवार को नाटकीय घटनाक्रम के तहत संवैधानिक बाध्यताओं के चलते इस्तीफा दे दिया. इसके बाद शनिवार दोपहर 3 बजे होने वाली विधायक दल की बैठक में अगले मुख्यमंत्री (Chief Minister) का चयन होने की संभावना है. जाहिर है सूबे में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले उत्तराखंड वासियों को एक बार फिर नया मुख्‍यमंत्री मिलने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेतृत्‍व मौजूदा विधायकों में से ही किसी को नया मुख्‍यमंत्री बना सकता है.

तीरथ सिंह रावत नहीं बन सकते थे विधानसभा सदस्य
नए मुख्यमंत्री की रेस में राज्‍य सरकार में मंत्री धन सिंह रावत, बंशीधर भगत, हरक सिंह रावत और सतपाल महाराज का नाम सबसे आगे चल रहा है. गौरतलब है कि लगभग 4 महीने पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम पद से इस्‍तीफा दिया था. उसके बाद 10 मार्च को पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत को नया मुख्‍यमंत्री बनाया गया. नियमों के मुताबिक सीएम पद पर बने रहने के लिए रावत को 10 सितंबर तक विधानसभा चुनाव जीतना था. राज्य में विधानसभा की दो सीटें गंगोत्री और हल्द्वानी खाली हैं, जहां उपचुनाव होना है. अगले साल फरवरी-मार्च में ही विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में उपचुनाव कराने का फैसला निर्वाचन आयोग पर ही निर्भर करता है. संभवतः इसी उधेड़बुन के चलते तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा देना पड़ा.

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धन सिंह रावत का नाम रेस में सबसे आगे
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री पद की रेस में राज्य सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत का नाम सबसे आगे है. रावत श्रीनगर विधानसभा से विधायक हैं. धन सिंह आरएसएस कैडर से आते हैं और उत्‍तराखंड बीजेपी में संगठन मंत्री भी रह चुके हैं. सात अक्‍टूबर 1971 को जन्में धन सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल के मूल न‍िवासी हैं. उन्होंने डबल एमए और राजनीति व‍िज्ञान में पीएचडी की है.

बंशीधर भगत भी दावेदार
उत्‍तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत भी सीएम पद के दावेदारों में शामिल हैं. कालाढूंगी विधानसभा सीट से विधायक भगत उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तराखंड में बनी विभिन्‍न सरकारों में मंत्री रहे हैं. 2002 के विधानसभा चुनाव में वह हल्‍दानी सीट से कांग्रेस की डॉ इंदिरा हृदयेश से चुनाव हार चुके हैं.

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हरक सिंह रावत का नाम भी फिजाओं में
करीब डेढ़ महीने पहले कोरोना महामारी से जुड़ी घटनाओं का जिक्र करते समय कैमरे के सामने रो देने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का नाम भी मुख्‍यमंत्री पद के दावेदारों में बताया जा रहा है. हरक सिंह रावत के पास इस समय आयुष और आयुष शिक्षा समेत कई महत्‍वपूर्ण विभाग हैं.

उत्‍तराखंड के गठन में सतपाल महाराज का बड़ा रोल
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी सीएम पद के दावेदार बताए जा रहे हैं. सतपाल महाराज ने उत्तराखंड के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. एक सांसद और केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, आई के गुजराल और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु पर उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के लिए दबाव डाला था. 21 मार्च 2014 को वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए थे.

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शनिवार को विधायक दल की बैठक
जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शनिवार को पर्यवेक्षक के तौर पर देहरादून जाएंगे. शनिवार शाम विधायक दल की बैठक होगी. प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की अध्यक्षता में दोपहर 3 बजे यह बैठक आयोजित की जाएगी. उत्‍तराखंड बीजेपी के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने यह जानकारी दी है. सभी विधायकों को देहरादून में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है.

इस संवैधानिक संकट के चलते देना पड़ा तीरथ सिंह को इस्तीफा
इससे पहले तीरथ सिंह रावत ने नड्डा को भेजे अपने इस्‍तीफे में कहा, 'आर्टिकल 164-ए के हिसाब से मुझे मुख्यमंत्री बनने के बाद 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना था, लेकिन आर्टिकल 151 कहता है कि अगर विधानसभा चुनाव में एक साल से कम समय बचता है तो वहां पर उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं. उत्‍तराखंड में संवैधानिक संकट न खड़ा हो, इसलिए मैं मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा दे रहा हूं.'