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उत्तराखंड: ट्रैकिंग टीम के सात सदस्यों के शव मिले, कुमाऊं में अब भी फंसे हैं पर्यटक

उत्तराखंड: ट्रैकिंग टीम के सात सदस्यों के शव मिले, कुमाऊं में अब भी फंसे हैं पर्यटक

Updated on: 22 Oct 2021, 08:45 PM

नई दिल्ली:

उत्तराखंड में तीन दिनों की विनाशकारी बारिश से क्षतिग्रस्त सड़कें अब खुलने लगी हैं, लेकिन अभी भी संपर्क टूटने के कारण 700 से अधिक पर्यटक कुमाऊं क्षेत्र में फंसे हुए हैं। वहीं उत्तरकाशी के हर्षिल-छितकुल लम्खागा पास पर सात व्यक्तियों के शव मिले हैं। ये लोग यहां ट्रैकिंग के लिए आए थे, हालांकि बारिश के बाद से यह सभी लापता थे।

ट्रैकिंग के लिए यह लोग 18 अक्टूबर को छितकुल पहुंचे थे। 18 अक्टूबर के बाद से इनका किसी से संपर्क नहीं हो सका था और टीम के सभी सदस्य लापता थे। शुक्रवार को ट्रैकिंग टीम के सात सदस्यों के शव बरामद किए गए हैं।

उत्तराखंड में 17,18 और 19 अक्टूबर को आई अचानक तेज बारिश के कारण हुई घटनाओं में अभी तक 67 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। लगभग 150 पर्यटक अभी भी नैनीताल जिले में फंसे हुए हैं। कुछ पर्वतारोहियों के शव बरामद हुए और कई अभी भी लापता हैं।

नैनीताल जिले में पर्यटक फंसे 40 पर्यटकों को पुलिस ने को उनके घरों के लिए रवाना किया गया है। कई पर्यटकों की गाड़ी का ईंधन खत्म होने की समस्या भी सामने आ रही है। कई स्थानों पर स्थानीय अधिकारियों को पर्यटकों की कारों में ईंधन भरवाने की जिम्मेदारी दी गई है। नैनीताल जिले के रामगढ़ इलाके में फंसे लोगों को भी निकालने का काम जारी है। वहीं बीमार लोगों के उपचार की व्यवस्था की जा रही है। इस बीच कई पर्यटकों को पैदल ही लंबा रास्ता तय करना पड़ा है।

नैनीताल के अलावा कुमाऊं मंडल के बागेश्वर जिले में भी करीब 400 से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए हैं। वहीं कई गांवों का संपर्क शहरों से कट गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावित सभी क्षेत्रों में मेडिकल सुविधा एवं दवाइयां पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन को बचाने के लिए पूरे प्रदेश में एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि गैस सिलेण्डर फटने से जिला अस्पताल गोपेश्वर में भर्ती गंभीर घायलों को शुक्रवार को ही एयर एम्बलेंस से हायर सेंटर रेफर किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण जो भी सड़कें अवरुद्ध हुई हैं, उनको जल्द से जल्द बहाल करें। इसके लिए यदि अतिरिक्त जेसीबी मशीन या कहीं पर जेसीबी मशीन एयर लिफ्ट करने की आवश्यकता है तो संज्ञान में लाया जाए।

जिन क्षेत्रों में विद्युत एवं पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हुई हैं उनको तत्काल सुचारू रूप से चलाया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें। जिन क्षेत्रों में दूरसंचार व्यवस्था बाधित हुई है, वहां पर वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर डब्ल्यूएलएल फोन की व्यवस्था की जाए। लोक निर्माण विभाग को आगामी 7 नवंबर तक सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के निर्देश भी दिए। कहा कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न की जाए।

मुख्यमंत्री धामी ने शुक्रवार को चमोली जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और अधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यो की समीक्षा की। इस दौरान जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को चमोली जिले में आपदा से हुऐ नुकसान और संचालित राहत व बचाव कार्यों की जानकारी दी।

उत्तराखंड में शुक्रवार को मौसम साफ होने के बाद चार धाम यात्रा पूरी तरह से बहाल हो गई। चारधाम के लिए उत्तराखंड में ऋषिकेश स्थित कैंप 16 हजार से ज्यादा लोग यात्रा के लिए निकल चुके हैं। इस बीच बद्रीनाथ की ओर जाने वाली क्षतिग्रस्त सड़क की भी मरम्मत कर दी गई है। मौसम साफ होने के बाद अब हेलीकॉप्टर सेवा भी शुरू की जा रही है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.