पीएम मोदी ने ओडिशा को दी 18,653 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात
मौत से चंद घंटे पहले तक शूटिंग करती रही ये एक्ट्रेस, कहलाती थी बॉलीवुड इंडस्ट्री की मां
International Yoga Day 2025: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस आज, विशाखापत्तनम में पीएम मोदी, अहमदाबाद में गृह मंत्री
MP: श्योपुर में समय से पहले मानसून की दस्तक, भारी बारिश से खिरखिरी नदी में उफान, टूटा कई गांवों से संपर्क
भारत-इंग्लैंड टेस्ट : शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल के शतक, भारत का स्कोर 359/3
ईडी ने ईएसओपी अनियमितताओं को लेकर केयर हेल्थ इंश्योरेंस की जांच की, वरिष्ठ अधिवक्ता को भेजा गया समन वापस लिया
जिद, जुनून और जीत की मिसाल : 21 जून को जन्मी विनीता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर लहराया था तिरंगा
मध्य प्रदेश : बैतूल में दो युवकों ने क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर उद्योगपति को ठगा
Bihar: बिहार में नीतीश सरकार ने बदली सड़कों की तस्वीर, 20 वर्षों में दोगुनी हुई निर्माण की रफ्तार

ताजमहल की उपेक्षा पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को SC ने लगाई फटकार

अदालत ने पूछा कि क्या संबंधित अधिकारियों ने धरोहर स्थल की सुरक्षा और संरक्षण के लिए प्रबंधन योजना बनाई है?

अदालत ने पूछा कि क्या संबंधित अधिकारियों ने धरोहर स्थल की सुरक्षा और संरक्षण के लिए प्रबंधन योजना बनाई है?

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
ताजमहल की उपेक्षा पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को SC ने लगाई फटकार

ताजमहल पर केंद्र और राज्य सरकार को SC की फटकार (फोटो-IANS)

सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल की उपेक्षा के लिए गुरुवार को केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई और आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि अगर यूनेस्को 17वीं सदी के इस मुगल स्मारक को अपनी 'विश्व धरोहर सूची' से बाहर कर दे तो आप लोग क्या करेंगे।

Advertisment

न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, 'यह एक विश्व धरोहर है। क्या होगा जब यूनेस्को कहेगा कि उसने ताज महल से विश्व धरोहर का दर्जा वापस ले लिया है।'

अदालत ने पूछा कि क्या संबंधित अधिकारियों ने धरोहर स्थल की सुरक्षा और संरक्षण के लिए प्रबंधन योजना बनाई है?

और पढ़ें: सीएम योगी के ताजमहल को शिव मंदिर बताने पर आजम खान का तंज, तोड़ने में मैं भी दूंगा साथ

न्यायमूर्ति लोकुर ने हलफनामे में कही गई बातें और अदालत के सामने मौखिक रूप से पेश ब्योरे में बदलावों की ओर इशारा करते हुए कहा, 'जो भी हो रहा है, उसे समझना बहुत बहुत मुश्किल है। कुछ बातें हलफनामे में कही गईं, कुछ मौखिक रूप से और कुछ ऐसे ही कह दी गई। यह स्वीकार्य नहीं है।'

इसके साथ ही अदालत यह भी जानना चाहती है कि ताज की सुरक्षा व संरक्षण के लिए कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं, क्योंकि अदालत ने पाया कि तीन हलफनामे दायर किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का, केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और किसी अन्य प्राधिकरण ने ताज के लिए हलफनामे दायर किए हैं।

वरिष्ठ वकील ए.डी.एन. राव ने अदालत को बताया कि ताज की देखभाल की जिम्मेदारी भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) के पास है। अदालत ने आश्चर्य व्यक्त किया कि एएसआई को ताज की सुरक्षा और संरक्षण की दस्तावेज तैयार करने के लिए परामर्श प्रक्रिया से बाहर रखा गया है।

अदालत ने आदेश दिया कि मसौदा विजन दस्तावेज की एक प्रति एएसआई को भी उपलब्ध कराई जाए और इसे इंटैच, आगा खान फाउंडेशन, आईसीओएमएस और अन्य समान इकाइयों के साथ साझा किया जाए, जिनके पास इस ऐतिहासिक धरोहर की रक्षा और इसे बनाए रखने की विशेषज्ञता है।

अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को भी निर्देशित किया कि वे दस्तावेज मसौदे की एक प्रति याचिकाकर्ता एम.सी. मेहता को भी दें।

और पढ़ें: ताजमहल विवाद: RSS के संगठन की मांग, बैन हो नमाज या मिले शिव चालीसा की इजाजत

Source : IANS

tajmahal controversy Supreme Court unesco agra Yogi Adityanath UP TajMahal
      
Advertisment