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CM Yogi Adityanath( Photo Credit : News Nation)
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव ( UP Assembly Election 2022 ) में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद यूपी के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( CM Yogi Adityanat ) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे. सीएम योगी ने यहां भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की. आपको बता दें कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 37 सालों में पहली बार किसी राजनीतिक दल को प्रदेश की जनता ने दोबारा सत्ता सौंपी है और वो भी 273 सीटों के प्रचंड बहुमत के साथ. यह जीत कितनी बड़ी है , इसका अंदाजा भाजपा को मिले मत प्रतिशत से भी लगाया जा सकता है क्योंकि जिस प्रदेश में आमतौर पर 30 प्रतिशत मतों के साथ सरकार बन जाया करती थी , उस प्रदेश में लगातार दूसरी बार 40 से ज्यादा मत प्रतिशत हासिल कर भाजपा सरकार बनाने जा रही है.
Uttar Pradesh-designate CM Yogi Adityanath met Vice President of India M Venkaiah Naidu at the latter's residence in Delhi. pic.twitter.com/Kxl1oWChos
— ANI (@ANI) March 13, 2022
इस जीत ने जहां एक ओर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की दावेदारी को पुख्ता और मजबूत कर दिया है वहीं दूसरी ओर विरोधी दलों के लिए अस्तित्व का भी संकट उत्पन्न कर दिया है। वैसे तो 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही देश की सबसे पुरानी और मुख्य विपक्षी पार्टी का जनाधिकार लगातार खिसकता जा रहा है लेकिन उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनावी नतीजों ने उसकी मौजूदगी को लेकर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं. राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी के भी उत्तर प्रदेश में फ्लॉप होने की वजह से कांग्रेस के अंदर मचा घमासान फिर से शुरू हो गया है. मोदी-शाह की यह रणनीति भी रही है कि विरोधी दलों के लिए कभी भी कोई भी स्पेस मत छोड़ो और इसलिए पांचों राज्यों के चुनावी नतीजे आने के अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में रोड शो करते नजर आए और पार्टी कैडर को जोर-शोर से चुनाव में जुट जाने का गुरुमंत्र देते नजर आए.
अगले कुछ महीनों में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है। गुजरात , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है जहां वो लगभग साढ़े 12 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे हैं. गुजरात में 1995 से भाजपा ही लगातार विधानसभा चुनाव जीतती आ रही है। हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में भाजपा की सरकार है लेकिन उत्तराखंड की तरह ही इस राज्य के साथ भी एक मिथक जुड़ा हुआ है. वर्ष 1993 के बाद से राज्य में किसी भी राजनीतिक दल को लगातार दूसरी बार जनादेश नहीं मिला है.
Source : News Nation Bureau