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CM Yogi Adityanath ( Photo Credit : FILE PIC)
सेंटर फार मानीटरिंग इंडियन इकोनामी ( Center for Monitoring Indian Economy ) की रिपोर्ट के अनुसार रोजगार देने में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश काफी आगे है। योगी सरकार ने पिछले पांच वर्ष में युवाओं को पांच लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने का रिकार्ड बनाया है। देश में बेरोजगारी और कारोबारी गतिविधियों की निगरानी करने वाले संगठन सेंटर फार मानीटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआइई) द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट योगी सरकार की नीतियों पर सफलता की मुहर लगा रही है। इसमें दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश में बेरोजगार दर अप्रैल, 2022 में घटकर 2.9 प्रतिशत रह गई है, जो कि मार्च में 4.4 प्रतिशत थी। दिल्ली में यह आंकड़ा 11.2 है। राजस्थान, पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों से बेहतर स्थिति उत्तर प्रदेश की है।
सीएमआइई की रिपोर्ट के मुताबिक, रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश काफी आगे है। योगी सरकार ने पिछले पांच वर्ष में युवाओं को पांच लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने का रिकार्ड बनाया है। सीएमआइई की अप्रैल की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि राजस्थान में बेरोजगारी दर का आंकड़ा 28.8 प्रतिशत है। दिल्ली में 11.2 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 6.2 प्रतिशत, तमिलनाडु में 3.2, पंजाब में 7.2, झारखंड में 14.2, केरल में 5.8 और आंध्र प्रदेश में 5.8 प्रतिशत है। वहीं, देश की सबसे अधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर मात्र 2.9 प्रतिशत रह गई है। हाला की विपक्ष इस पर तंज कसा रहा है
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नीति और रोजगारपरक योजनाओं की इस सफलता में बड़ी भूमिका है। यहां लगातार बढ़ रहे उद्योग और व्यापार के कारण ही आज प्रदेश बेरोजगारी के मामले में न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है।मिशन रोजगार के तहत विभिन्न विभागों, संस्थाओं और निगमों के माध्यम से प्रदेशवासियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में योगी सरकार की स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं ने करीब तीन करोड़ लोगों को रोजगार दिलाया है।
Source : News Nation Bureau