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यूपी सरकार ने 18 नई नगर पंचायत के गठन को दी मंजूरी

यूपी सरकार ने 18 नई नगर पंचायत के गठन को दी मंजूरी

Updated on: 19 Jul 2022, 09:55 PM

लखनऊ:

यूपी सरकार ने आज अपनी कैबिनेट बैठक में 18 नई नगर पंचायत के गठन को मंजूरी देने के साथ 20 नगरीय निकाय के सीमा विस्तार को भी हरी झंडी दी है।

योगी सरकार की कैबिनेट बैठक आज लोकभवन में हुई। इस दौरान 55 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सम्पन्न कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री सूर्यप्रताप शाही तथा अनिल राजभर ने फैसलों की जानकारी दी। मंत्रियों ने बताया कि प्रदेश सरकार चंहुमुखी विकास को लेकर बेहद गंभीर है। इसी कारण जनता के लिए उपयोगी मामलों को कैबिनेट से पास करवाया जाता है। लोकभवन में कैबिनेट बैठक में 55 प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। इनमें 18 नई नगर पंचायत के गठन का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही प्रदेश की 20 नगर निकायों की सीमा का विस्तार होगा।

उन्होंने बताया कि प्रतापगढ़, गोंडा व देवरिया में तीन-तीन, फतेहपुर व गोरखपुर में दो-दो तथा लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, एटा, संतकबीर नगर व आजमगढ़ में एक-एक नई नगर पंचायत बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। प्रतापगढ़ की कटरा गुलाब सिंह बाजार, हीरागंज बाजार व गढ़वारा बाजार, लखीमपुर खीरी की भीरा, बलरामपुर की गैसड़ी, फतेहपुर की धाता व खखरेरू, देवरिया की तरकुलवा, पथरदेवा व बैतालपुर, एटा की मिरहची, गोंडा की तरबगंज, धानेपुर व बेलसर, आजमगढ़ की मार्टिनगंज, संत कबीर नगर की हैसर बाजार तथा गोरखपुर की उरुवा बाजार व घघसरा बाजार को नई नगर पंचायत के रूप में हरी झंडी मिली है।

मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के क्रियान्वयन का प्रस्ताव अनुमोदित हुआ है। इसके साथ ही बुन्देलखण्ड के सात जनपदों के सभी 47 विकास खण्डों में प्राकृतिक खेती की योजना (वर्ष 2022-23 से 2026-27) के क्रियान्वयन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर लाये जाने हेतु डेलॉयट इण्डिया संस्था को कन्सलटेंट के रूप में चयनित किये जाने का निर्णय लिया है। इन संस्थाओं की वित्तीय निविदायें 05 जुलाई, 2022 को खोली गई तथा संस्थाओं के कम्पोजिट स्कोर की गणना की गई। डेलॉयट इण्डिया संस्था द्वारा उच्चतम कम्पोजिट स्कोर प्राप्त किया गया है।

छह राज्य विश्वविद्यालय के क्षेत्रान्तर्गत नवनिर्मित एवं निमार्णाधीन राजकीय महाविद्यालयों को संघटक महाविद्यालय के रूप में चलाने हेतु उपलब्ध कराए गए प्रस्ताव के सापेक्ष 9 महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र में शिक्षण कार्य प्रारम्भ किये जाने को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

इसके साथ ही महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विवि लखनऊ के नोएडा परिसर को बंद करना पड़ा था। इससे छात्रों को परेशानी हो रही थी। 9 जून 2014 से नोएडा परिसर के संचालन की अनुमति दी गई।

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