यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे एवं ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे भूमि घोटाले में दो तत्कालीन डीएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्र में तैनात महिला आईएएस निधि केसरवानी को निलंबित कर दिया।
मुख्यमंत्री योगी ने ट्विटर के माध्यम से लिखा कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुरूप मुख्यमंत्री ने तत्कालीन जिलाधिकारी गाजियाबाद को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू करने हेतु प्रकरण भारत सरकार को संदर्भित करने के आदेश दिए हैं।
गाजियाबाद में डीएम रहते हुए दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे व ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान निधि केसरवानी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। इसको संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन डीएम निधि केसरवानी को निलंबित करने तथा दो अन्य डीएम के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा मामले की विभागीय जांच के साथ ही मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी दिए हैं।
आईएएस अधिकारी निधि केसरवानी वर्तमान में केंद्र सरकार में डिप्टी सेक्रेटरी नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर में तैनात हैं। 2004 बैच की मणिपुर कैडर से आने वाली निधि केसरवानी के खिलाफ भूमि अधिग्रहण मामले में गड़बड़ी का आरोप है। वह 21 जुलाई, 2016 को गाजियाबाद की डीएम बनी थीं। आईएएस निधि केसरवानी के खिलाफ कार्रवाई अब केंद्र सरकार को करनी है। प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा है।
गौरतलब हो कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे एवं ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए गाजियाबाद के चार गांवों गांवों-कुशलिया, नाहल, डासना और रसूलपुर सिकरोड़ की जमीनें ली गई थीं। अवार्ड के खिलाफ इन गांवों के किसानों ने आर्ब्रिटेशन वाद दाखिल किए। वर्ष 2016 और 2017 में तत्कालीन डीएम (आर्ब्रिटेटर) ने नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत जमीन के डीएम स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ल रेट के चार गुने की दर से मुआवजा देने का फैसला किया।
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Source : IANS