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गंगा एक्सप्रेस-वे की बिडिंग प्रक्रिया को मिली मंजूरी

गंगा एक्सप्रेस-वे की बिडिंग प्रक्रिया को मिली मंजूरी

Updated on: 02 Sep 2021, 08:35 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को एक दर्जन फैसलों पर अपनी सहमति जता दी है। लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार की बड़ी योजना गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए बिडिंग प्रक्रिया के साथ ही 12 अन्य प्रस्तावों पर मुहर लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में 36,230 करोड़ रुपये लागत की गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के आरएफपी (रिक्वेस्ट फार प्रपोजल) और आरएफक्यू (रिक्वेस्ट फार क्वालिफिकेशन) दस्तावेजों को मंजूरी दी गयी।

बैठक के बाद मंत्रिपरिषद के निर्णयों की जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता और एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को राज्य सरकार ने 26 नवंबर 2020 को मंजूरी दी थी। यह देश की सबसे बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना है। मंत्रिपरिषद ने फैसला लिया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 60 दिनो के अंदर बिडिंग की प्रक्रिया पूरी की जायेगी। गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 36,230 करोड़ की लागत आयेगी। इसके लिए सिविल निर्माण में 19,700 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए 92.20 भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। सिक्स लेन के इस एक्सप्रेस-वे पर एयर स्ट्रिप भी बनाया जायेगा। एक्सप्रेस-वे को आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा।

उत्तर प्रदेश एकसप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलप्मेंट अथारिटी(यूपीईडा) के इस प्रोजेक्ट के तहत गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण मेरठ से प्रयागराज तक होगा। यह गंगा एक्सप्रेस-वे कुल 594 किलोमीटर का प्रस्तावित है। यह गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से प्रयागराज तक प्रस्तावित है। मंत्रिपरिषद ने गंगा एक्सप्रेस-वे के आरएफपी और आरएफक्यू को भी हरी झंडी दी है।

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि परियोजना की कुल लगत में जीएसटी सहित सिविल व निर्माण कार्यों के लिए 22,125 करोड़ रुपये और जमीन खरीदने के लिए 9,255 करोड़ रुपये की लागत शामिल है। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण चार पैकेजों में किया जायेगा। हर पैकेज की लागत 5000 से 5800 करोड़ रुपये के बीच है। इसके लिए 30 वर्ष का कंसेशनायर एग्रीमेंट किया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे डीबीएफओटी (डेवलप, बिल्ड, फाइनेंस, आपरेट एंड ट्रांसफर) माडल पर विकसित किया जायेगा। इस पर वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गयी है। एक्सप्रेसवे पर विमानों की लैंडिंग के लिए एयर स्ट्रिप भी बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे पर वे स्थान चिन्हित कर लिए जायें जहां इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किये जा सकते हैं। एक्सप्रेसवे पर नौ स्थानों पर जन सुविधाएं विकसित की जायेंगी। परियोजना के लिए बिल्डिंग प्रक्रिया 60 दिन में पूरी कर ली जायेगी। उन्होंने बताया कि पूरी प्रक्रिया को एक बार ही मंजूरी दे दी गयी है जिससे बार-बार मंत्रिपरिषद में न जाना पड़े।

सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इसके साथ ही ललितपुर में बड़े एयरपोर्ट के निर्माण को भी मंजूरी दी गयी है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में बल्क ड्रग पार्क व डिफेंस कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है, जिसके मद्देनजर नया एयरपोर्ट महžवपूर्ण होगा। पहले में छोटे प्लेन लैंड कराये जायेंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए दो गांवों की 91.77 एकर जमीन कुल मिला कर 86.65 करोड़ की लागत से खरीदी जायेगी। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय की 12.75 हेक्टेयर जमीन भी ली जायेगी, जिसके बदले में राज्य सरकार ग्राम सभा की भूमि देगी। आने वाले समय में एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के तौर पर विकसित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल वहां विश्व युद्ध के समय की एक एयरस्ट्रिप मौजूदा है।

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