भारत-अमेरिका के साथ प्रस्तावित 'टू प्लस टू वार्ता' 6 सितंबर को, पॉम्पिओ और मैटिस करेंगे भारत दौरा

भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के साथ प्रस्तावित 'टू प्लस टू वार्ता' के लिए तारीख का एलान किया है। विदेश मंत्रालय ने इस प्रस्तावित वार्ता के लिए 6 सितंबर की तारीख घोषणा की है।

भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के साथ प्रस्तावित 'टू प्लस टू वार्ता' के लिए तारीख का एलान किया है। विदेश मंत्रालय ने इस प्रस्तावित वार्ता के लिए 6 सितंबर की तारीख घोषणा की है।

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vineet kumar1
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भारत-अमेरिका के साथ प्रस्तावित 'टू प्लस टू वार्ता' 6 सितंबर को, पॉम्पिओ और मैटिस करेंगे भारत दौरा

अमेरिका के विदेश सचिव माइक पॉम्पिओ

भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के साथ प्रस्तावित 'टू प्लस टू वार्ता' के लिए तारीख का ऐलान किया है। विदेश मंत्रालय ने इस प्रस्तावित वार्ता के लिए 6 सितंबर की तारीख घोषणा की है।

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बता दें कि पिछले महीने अमेरिकी विभाग ने इस बहु-प्रतिक्षित वार्ता को जिसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और सीतारमण अमेरिका का दौरा करने वाली थीं, वॉशिंगटन ने अप्रत्याशित कारणों से अगली तारीख तय होने तक टाल दिया था।

इस वार्ता के लिए अमेरिका के विदेश सचिव माइक पॉम्पिओ और रक्षा सचिव जेम्स मैट्टिस भारत दौरे पर आएंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हीदर नौर्ट ने एक बयान में कहा, ' हमें यह जानकारी देते हुए खुशी हो रही है कि भारत के साथ प्रस्तावित 'टू प्लस टू वार्ता' 6 सितंबर को होगी।'

हालांकि, ऐसा कहा जा रहा था कि वार्ता के टाले जाने की वजह अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ के उत्तर कोरिया दौरा है और वह डायलॉग के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। यह दूसरी बार था जब अमेरिका ने इस वार्ता को टाला दिया।

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इससे पहले यह बैठक इसी साल मार्च में होनी थी लेकिन इसे टाल दिया गया था। उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने तत्कालीन विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को पद से हटा दिया था, जिसकी वजह से वार्ता नहीं हो सकी थी।

अमेरिका ने इस वार्ता को रद्द करने को लेकर अफसोस भी जाहिर किया था।

नौर्ट ने अपने बयान में कहा कि पॉम्पिओ और मैटिस भारत में अपने समकक्ष विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने और बढ़ावा देने को लेकर बात करेंगे।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर कहा गया था कि वॉशिंगटन और नई दिल्ली के रिश्ते प्रशासन के लिए बड़ी प्रमुखता हैं और हमारी भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए हम भविष्य में भी काम करेंगे।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पिछले साल जून में अमेरिका की यात्रा पर गए थे तो दोनों पक्षों ने संवाद के इस नए प्रारूप पर सहमति जताई थी।

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Source : News Nation Bureau

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