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जो बाइडेन बोले- तालिबान के जरिये अपना हित साधना चाहता है चीन

पत्रकार के सवाल पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि जैसे पाकिस्तान, ईरान और रुस का स्टैंड तालिबान को लेकर क्लियर नहीं है. वैसे ही चीन भी तालिबान से अपने हितों के लिए लगातार समन्व्य बनाने में लगा है.

Updated on: 08 Sep 2021, 09:42 PM

highlights

  • अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के बयान से आया भूचाल 
  • बाइडेन बोले चीन की हर हरकत पर हमारी नजर
  • तालिबान से हर संभव समन्व्य बनाने में लगा चीन  

New delhi:

अफगानिस्तान(afghanistan) के हालात किसी से छिपे नहीं है. तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद अब सरकार भी बना दी है. ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि चीन इंटरनली तालिबान को सपोर्ट कर रहा है. इसी बात को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन( joe biden) ने और पुख्ता कर दिया है. बुधवार को पत्रकार के एक सवाल पर बाइडेन ने चीन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चीन अपने हित साधन के लिए तालिबान से सामांज्स्य बनाने में लगा है. हमारी चीन की हर गतिविधि पर नजर है. किसी भी असंवैधानिक गतिविधि पर हम चुप नहीं बैठेंगे. बाइडेन का यह बयान दुनिया में भूचाल लाने के लिए काफी है. दुनिया के सभी देशों की नजर अब अमेरिका के स्टैंड पर रहेगी.

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पत्रकार के सवाल पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि जैसे पाकिस्तान, ईरान और रुस का स्टैंड तालिबान को लेकर क्लियर नहीं है. वैसे ही चीन भी तालिबान से अपने हितों के लिए लगातार समन्व्य बनाने में लगा है. अमेरिका सभी देशों की गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं. कि अब क्या होने वाला है. बता दें कि अमेरिका और उसके सात सहयोगी देश ने न्यूयॉर्क फेडरल रिजर्व में रखे गए अफगानिस्तान के पैसों की तालिबान की निकासी पर रोक लगाने पर सहमति जताई है.ऐसा इसलिए किया गया है ताकि तालिबान अतंरराष्ट्रीय कानून के पालन और महिलाओं के अधिकारों के सम्मान के अपने वायदे को निभाए. लेकिन कई देश अपने फायदे के लिए कुछ बोलने को तैयार नहीं है.

बता दें कि जी-20 का मौजूदा अध्यक्ष इटली है. जी-20 में 20 ऐसे देश हैं जिनकी  अर्थव्यव्स्था स्ट्रॅांग है. इटली जल्द ही जी 20 की एक बड़ी वर्चुअल बैठक करने की सोच रहा है. आपको बता दे कि इस समुह में शामिल कई देशों के तालिबान से संबंध अच्छे नहीं है. हालाकि बैठक की घोषणा अभी नहीं की गई है. चीन और रुस भी इस 20 देशों के संगठन में शामिल है. अब देखना ये होगा कि आने वाले समय में तालिबान को लेकर अन्य देशों का रुख क्या होगा. इसी को लेकर जो बाइडेन संकेत दिए हैं. जिसके दुनिया के कूटनीतिक पंडित कई अर्थ निकाल रहे हैं. हालाकि अभी जो बाइडेन कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है.