संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा ग्रीनफील्ड ने आशंका जतायी है कि यूक्रेन युद्ध की समाप्ति बातचीत के जरिये होने की संभावना बहुत कम है।
द गार्डियन के मुताबिक अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन पर इस सप्ताह यूरोप में शुरू होने वाले नाटो सम्मेलन से पहले उन पर काफी दबाव है।
यूक्रेन युद्ध पर अपने रुख को लेकर बाइडेन भारी आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। वह गुरुवार को ब्रसेल्स जायेंगे और उसके बाद पोलैंड जायेंगे।
बाइडेन नाटो के लिये पोलैंड के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। यह प्रस्ताव यूक्रेन में शांतिसेना भेजने से संबंधित है। ग्रीनफील्ड के मुताबिक यह प्रस्ताव असंभव है।
राजदूत का कहना है कि इसके जरिये यूक्रेन मसले का हल निकलना लगभग असंभव है।
उन्होंने कहा,हमने यूक्रेन के राष्ट्रपति की बातचीत की कोशिशों को समर्थन दिया है। मैँने यहां कोशिश शब्द का इस्तेमाल किया है क्योंकि बातचीत का प्रयास एकतरफा ही था और रूस किसी भी मसले पर झुकने के लिये या कूटनीतिक हल के लिये तैयार नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि हमने यूक्रेन पर रूस के इस बर्बर हमलेक पहले भी आगे बढ़ने की कोशिश की लेकिन रूस ने उनका सही जवाब नहंी दिया और वे अब जवाब नहीं दे रहे हैं। लेकिन हमें फिर भी उम्मीद है कि यूक्रेन के प्रयास इस युद्ध का अंत करेंगे।
उन्होंने कहा कि बाइडेन ने यह स्पष्ट किया है कि यूक्रेन में अमेरिकी सेना नही ंजायेगी तो मुझे नही ंपता कि यूक्रेन में शांतिसेना भेजने के पोलैंड के प्रस्ताव पर नाटो की क्या प्रतिक्रिया होगी।
यूक्रेन में अन्य नाटो देश अपनी सेना भेज सकते हैं लेकिन यह उनका निर्णय होगा। हम इस युद्ध को अमेरिका के साथ रूस के युद्ध के रूप में नहीं तब्दील करना चाहते हैं लेकिन हम अपने नाटो साथियों की मदद करेंगे।
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Source : IANS