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अफगानिस्तान के मामलों में दखल न दे अमेरिका: तालिबान

अफगानिस्तान के मामलों में दखल न दे अमेरिका: तालिबान

Updated on: 27 Dec 2021, 03:40 PM

काबुल:

अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अमेरिका को युद्धग्रस्त राष्ट्र के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अफगान सरकार स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने में सक्षम हैं। ये जानकारी मीडिया की एक रिपोर्ट से सामने आई है।

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के विदेश मामलों के उप मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई ने रविवार को एक सभा को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।

अगस्त में अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया है।

स्टेनकजई ने कहा कि अमेरिका के सैनिक रात के अंधेरे में अफगानिस्तान से भाग गए।

उन्होंने कहा कि देश अब स्वतंत्र है और बीते चार महीनों से अफगान स्वतंत्र रूप से अपने फैसले ले रहा हैं।

उन्होंने कहा, दुश्मनों को यह नहीं सोचना चाहिए कि अफगानिस्तान 40 साल के युद्ध से कमजोर हो गया है क्योंकि उसके पास 40 साल और लड़ने की क्षमता है।

उप विदेश मंत्री ने स्वीकार किया कि सैकड़ों अफगान आर्थिक समस्याओं के कारण रोजाना ईरान के लिए देश छोड़ रहे थे और उनमें से ज्यादातर सीमा पार करने में विफल रहे या उन्होंने रास्ते में अपनी जान गंवा दी।

उन्होंने अफगानिस्तान के पड़ोसियों से देश की मदद करने, शरणार्थियों के लिए अपनी सीमाएं खोलने और वीजा नियमों में ढील देने की बात कही।

स्टेनकजई ने कहा कि अफगान महिलाओं और लड़कियों को काम और शिक्षा का अधिकार है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की संस्कृति पश्चिम की संस्कृति से अलग है।

उन्होंने स्वीकार किया कि देश के अंदर लोगों के बीच एकजुटता और दुनिया के देशों के साथ संबंध बनाना इस्लामिक अमीरात के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं।

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान सरकार के सदस्य अनस हक्कानी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया नहीं चाहती कि अफगान आत्मनिर्भर बनें।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.