रासायनिक हथियारों के लिए विषाक्त पदार्थों में चीन की दिलचस्पी को लेकर अमेरिका चिंतित
रासायनिक हथियारों के लिए विषाक्त पदार्थों में चीन की दिलचस्पी को लेकर अमेरिका चिंतित
नई दिल्ली:
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) की फार्मास्युटिकल-आधारित एजेंट्स (पीबीए) और विषाक्त पदार्थो में रुचि को लेकर अमेरिका चिंतित है, क्योंकि इन एजेंट्स की रासायनिक हथियारों के अनुप्रयोगों (एप्लिकेशंस) के लिए उपयोगिता है।इसके अलावा उपलब्ध जानकारी के आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका यह प्रमाणित नहीं कर सकता है कि चीन ने केमिकल वेपन्स कन्वेंशन (सीडब्ल्यूसी) के तहत अपने दायित्वों को पूरा किया है।
दोहरे उपयोग वाले अनुप्रयोगों और जैविक खतरे के रूप में उनकी क्षमता के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका को पीआरसी सैन्य चिकित्सा संस्थानों के विष अनुसंधान और विकास के संबंध में अनुपालन संबंधी चिंताएं हैं।
अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पीआरसी संभावित दोहरे उपयोग वाले अनुप्रयोगों के साथ जैविक गतिविधियों में लगा हुआ है, जो जैविक और विषाक्त हथियार सम्मेलन (बीडब्ल्यूसी) और रासायनिक हथियार सम्मेलन (सीडब्ल्यूसी) के अनुपालन के बारे में चिंता पैदा करता है।
पीआरसी सैन्य चिकित्सा संस्थानों में किए गए अध्ययनों ने दोहरे उपयोग वाले अनुप्रयोगों के साथ शक्तिशाली विषाक्त पदार्थों के विविध परिवारों की पहचान, परीक्षण और विशेषता पर चर्चा की।
पीआरसी सैन्य संस्थान के वैज्ञानिकों ने पीबीए के सैन्य अनुप्रयोगों में रुचि व्यक्त की है। इसके अलावा, पीआरसी सैन्य चिकित्सा संस्थानों में किए गए अध्ययनों पर उपलब्ध जानकारी से संकेत मिलता है कि शोधकर्ता शक्तिशाली विषाक्त पदार्थों के विविध परिवारों की पहचान, परीक्षण और लक्षण वर्णन करते हैं, जो शोधकर्ताओं द्वारा किए गए कार्य के इच्छित उद्देश्यों के बारे में प्रश्न उठाता है।
उपलब्ध जानकारी के आधार पर, संयुक्त राज्य अमेरिका यह प्रमाणित नहीं कर सकता है कि पीआरसी ने फार्मास्यूटिकल-आधारित एजेंट्स (पीबीए) के पीआरसी के शोध और संभावित दोहरे उपयोग अनुप्रयोगों के साथ विषाक्त पदार्थों के संबंध में चिंताओं के कारण रासायनिक हथियार सम्मेलन (सीडब्ल्यूसी) के तहत अपने दायित्वों को पूरा किया है।
पीआरसी दोहरे उपयोग वाले अनुप्रयोगों के साथ जैविक गतिविधियों में लगा हुआ है, जो जैविक और विषाक्त हथियार सम्मेलन (बीडब्ल्यूसी) के अनुच्छेद-1 के अनुपालन के संबंध में चिंताओं को उठाता है।
अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, अप्रैल 2021 की रिपोर्ट 2021 शस्त्र नियंत्रण, अप्रसार और निरस्त्रीकरण समझौतों और प्रतिबद्धताओं का पालन एवं अनुपालन, उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि पीआरसी उन गतिविधियों में लगी हुई है, जो बीडब्ल्यूसी के अनुच्छेद क के तहत अपने दायित्वों के संबंध में चिंताओं को उठाती हैं।
इसके अलावा, अमेरिका के पास यह निर्धारित करने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं है कि क्या पीआरसी ने अपने मूल्यांकन किए गए ऐतिहासिक जैविक युद्ध (बीडब्ल्यू) कार्यक्रम को समाप्त कर दिया है, जैसा कि कन्वेंशन के अनुच्छेद-2 के तहत आवश्यक है।
संयुक्त राज्य अमेरिका का आकलन है कि पीआरसी के पास 1950 के दशक से कम से कम 1980 के दशक के अंत तक एक आक्रामक जैविक युद्ध कार्यक्रम था। हालांकि पीआरसी ने 1989 से हर साल बीडब्ल्यूसी कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर्स (सीबीएम) प्रस्तुत किया है, मगर पीआरसी की सीबीएम रिपोटिर्ंग ने कभी भी यह खुलासा नहीं किया है कि क्या उसने कभी भी आक्रामक बीडब्ल्यू कार्यक्रम का अनुसरण किया है। यही नहीं, पीआरसी ने कभी भी सार्वजनिक रूप से या राजनयिक चैनलों में अपने पिछले आक्रामक कार्यक्रम को स्वीकार नहीं किया है।
अपने ऐतिहासिक बीडब्ल्यू कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, पीआरसी ने संभवत: रिकिन, बोटुलिनम विषाक्त पदार्थों और एंथ्रेक्स, हैजा, प्लेग और टुलारेमिया के प्रेरक एजेंट्स को हथियार बनाया है।
पीआरसी अपने जैव प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे को विकसित करना जारी रखे हुए है। पीआरसी सैन्य चिकित्सा संस्थानों में किए गए अध्ययनों पर उपलब्ध विवरण में ऐसी जानकारी शामिल है, जो दोहरे उपयोग वाले अनुप्रयोगों के साथ शक्तिशाली विषाक्त पदार्थों के विविध परिवारों की पहचान, परीक्षण और विशेषता पर चर्चा करती है।
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