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(स्रोत: सोशल मीडिया)
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(स्रोत: सोशल मीडिया)
कश्मीर के उरी में सेना की बटालियन पर हुए आतंकी हमले को लेकर भारत सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। हालांकि सरकार ने कूटनीतिक प्रयास शुरू कर दिया है और पाकिस्तान पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव भी बनना शुरू हो गया है। लेकिन जनता में बढ़ रहे गुस्से को देखते हुए मिलिटरी एक्शन लेने का भी सरकार पर दबाव है। आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार उरी आतंकी हमले का जवाब देने के विकल्पों के बारे में चर्चा करेगी।
लाइव अपडेट-
# केंद्रीय कैबिनेट की बैठक खत्म।
Delhi: Cabinet Committee on Security meeting underway, HM Rajnath Singh, FM Arun Jaitley, Defence Minister Manohar Parrikar arrive for meet pic.twitter.com/Ve53ZWoAki
— ANI (@ANI_news) September 21, 2016
# सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक शुरू
इस आतंकी हमले के बाद देश की ज्यादातर जनता पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की मांग कर रहा है। लेकिन फिलहाल ऐसी स्थिति में जाने का मतलब है, अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का पक्ष कमज़ोर करना। वो भी तब जब संयुक्त राष्ट्र की बैठक चल रही है। किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर बढ़ रहे दबाव से भटका देगा। सरकार भी कह रही है कि जल्दबाज़ी में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। ऐसा लग रहा है सरकार कूटनीतिक प्रयासों के परिणाम भी देखना चाह रही है। उसके बाद ही सैन्य कार्रवाई के बारे में कदम उठाएगी।
आज होने वाली कैबिनेट बैठक में सरकार के सामने विकल्प क्या हैं—
सैन्य कार्रवाई
सर्जिकल स्ट्राइक
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एयर फोर्स हमला कर आतंकियों के ट्रेनिंग कैपों को नेस्तोनाबूद करने का आदेश सरकार दे सकती है। इसमें पूरे युद्ध जैसे हालात नहीं होते और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी आलोचना नहीं होगी। क्योंकि किसी भी तरह के हमले के बाद “कार्रवाई करने का अधिकार” के तहत ये कार्रवाई होगी।
पाक सैन्य पोस्ट पर हमला
अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार किये बगैर तोपों से पाकिस्तानी सेना के बंकरों पर हमला कर उसे नष्ट करने का भी विकल्प सरकार के पास है। ये कार्रवाई उसी तरह की होगी जिस तरह से कारिगल युद्ध के दौरान किया गया था। इसके साथ ही मिसाइल से भी अतंकी ठिकानों पर हमला किया जा सकता है।
कूटनीतिक
भारत सरकार ने कूटनीतिक प्रयास शुरू कर दिया है और इसका असर भी दिख रहा है। लेकिन इसे और तेज करने के विकल्प पर भी विचार किया जा सकता है। जिसके तहत पाकिस्तान को टेररिस्ट स्टेट घोषित करने के कूटनीतिक प्रयास तेज करने पर भी विचार किया जा सकता है। साथ ही आंतकवाद के साथ बलोचिस्तान के मुद्दे को हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर जोर-शोर से उठाने का फैसला भी एक विकल्प हो सकता है।
आर्थिक प्रतिबंध
एक विकल्प यह भी है कि भारत पाकिस्तान के साथ सभी आर्थिक संबंध तोड़ ले औऱ पाकिस्तान से होने वाले आयात पर प्रतिबंध लगा दे। साथ ही दूसरे देशों से भी अपील करें कि वो पाकिस्तान के साथ आर्थिक संबंध तोड़ें। लेकिन इसमें समस्या ये है कि पाकिस्तान के साथ भारत का व्यापार इतना बड़ा नहीं है कि पाकिस्तान को नुकसान हो और दूसरे देश आर्थिक संबंध तोड़ने के भारत की अपील को कितना तवज्जो देते हैं।