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अर्बन नक्सल और जिहाद का गठजोड़ Exposed, NIA की चार्जशीट में बड़ा खुलासा

अर्बन नक्सल और जिहाद का गठजोड़ एक्सपोज हुआ है. अर्बन नक्सल गैंग की साजिश पर बड़ा खुलासा हुआ है. NIA की चार्जशीट में अर्बन नक्सल गैंग बेनकाब हुआ है.

Updated on: 15 Oct 2020, 01:16 PM

नई दिल्ली:

अर्बन नक्सल और जिहाद का गठजोड़ एक्सपोज हुआ है. अर्बन नक्सल गैंग की साजिश पर बड़ा खुलासा हुआ है. NIA की चार्जशीट में अर्बन नक्सल गैंग बेनकाब हुआ है. NIA की चार्जशीट में बताया गया है कि अर्बन नक्सल गैंग हिंसा फैलाने में लगा है और हिंदुओं में फूट डालने की बड़ी साजिश रची जाती है. इसके अलावा यह भी खुलासा हुआ है कि यह गैंग दलितों के नाम पर एक्टिव हो जाता है. भीमा-कोरेगांव से लेकर हाथरस तक इसने बड़ी साजिश रची थी.

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भीमा-कोरेगांव मामले में NIA की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में खुलासा हुआ है. एनआईए की जांच में हिंसा के तार ISI से जुड़ रहे हैं. NIA की चार्जशीट में सामने आया है कि आरोपी गौतम नवलखा के तार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट से जुड़े हुए थे. ISI एजेंट गुलाम नबी फई अमेरिका में सजा काट चुका है. अमेरिका की अदालत में गुलाम नबी फई के खिलाफ चले दस्तावेजों में इस बात का साफ जिक्र है कि वह ISI एजेंट था. अमेरिका में रह रहा फई ISI के लिए काम कर रहा था. उसके पास अमेरिकी नागरिकता थी.

ISI एजेंट फई केएसी संगठन के एजेंडे को बढ़ावा दे रहा था. केएसी संगठन को ISI फंडिंग कर रहा था. वहीं भीमा-कोरेगांव हिंसा का आरोपी गौतम नवलखा ISI एजेंट फई के संपर्क में था. नवलखा 2010-2011 के बीच 3 बार अमेरिका गया. ईमेल-फोन के जरिए नवलखा-फई के तार जुड़े थे. फई के इशारे पर नवलखा देश विरोधी हरकतों में जुटा हुआ था. ISI एजेंट फई की 2011 में गिरफ्तारी हुई थी. साफ है कि नवलखा-फई में करीबी रिश्ते थे.

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भीमा-कोरेगांव मामले में NIA की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि गौतम नवलखा शहरों इलाकों में एक्टिव था. वो संगठन से बुद्धिजीवियों को जोड़ने में लगा हुआ था. गोरिल्ला एक्टिविस्ट को संगठन में शामिल कर रहा था और साथ ही साथ नवलखा CPI माओविस्ट को मजबूत कर रहा था.

सप्लीमेंट्री चार्जशीट में स्टेन स्वामी की कुंडली भी सामने आई है. चार्जशीट के मुताबिक, स्टेन स्वामी कई सीपीआई माओवादी नेताओं के संपर्क में था. वह नक्सली हरकतों के प्रसार में जुटा था. स्टेन स्वामी के घर से एनआईए को गोपनीय दस्तावेज मिले हैं. भीमा-कोरेगांव मामले की जांच में जुटी NIA ने हनी बाबू की साजिश का भी खुलासा किया है. जांच में NIA को कई खुफिया ईमेल मिले. जिससे पता चला है कि हनी बाबू नक्सलियों के लिए फंड जमा करने में जुटा था.