नौकरी को नियमित नहीं किए जाने से दुखी असम के नागांव जिले में राज्य सरकार के एक कर्मचारी ने राष्ट्रपति, असम के राज्यपाल, सर्वोच्च न्यायालय और गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों से प्रार्थना की है कि उसे इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए।
नगांव जिले में पीडब्ल्यूडी में एक आकस्मिक कर्मचारी के रूप में काम करने वाले 59 वर्षीय दुलाल बोरा ने दावा किया कि उच्च अधिकारियों के कई आश्वासनों के बाद भी उनकी नौकरी को नियमित नहीं किया गया है।
बोरा अगले साल 60 साल के हो जाएंगे, जिसके बाद उन्हें सरकारी कार्यालय में नियमित पद की पेशकश नहीं की जा सकती।
अपनी नौकरी की स्थिति से परेशान बोरा ने इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है।
इच्छामृत्यु देश में सख्त दिशानिर्देशों के तहत 2018 से वैध है।
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Source : IANS