कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु में एक युवक के बैग में गांजा (मारिजुआना) रखने और उससे पैसे ऐंठने के आरोप में सोमवार को दो पुलिस कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया।
साउथ ईस्ट डीसीपी सी.के. बाबा ने बेंगलुरु में पुष्टि की कि दो आरोपी कांस्टेबलों के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है और जांच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। प्रथम²ष्टया इस बात की पुष्टि हो गई है कि दोनों ने अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल किया है।
आरोपी पुलिसकर्मियों पर हिमाचल प्रदेश के एक युवक वैभव पाटिल से 2500 रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप है।
पाटिल एक निजी कंपनी में काम करता है। बाइक से जाते समय दोनों पुलिस आरक्षकों ने रोककर उससे पूछताछ की।
उनमें से एक ने उसका बैग लिया और पूछा कि क्या वह गांजा पीता है। जब वैभव ने इससे इनकार किया, तो उन्होंने उसके बैग से गांजा निकाला और धमकी दी कि उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
उन्होंने बैग में सवे 2,500 रुपये निकाले और जब वैभव ने उनसे अपने घर वापस जाने के लिए 100 रुपये देने की गुहार लगाई, तो उन्होंने मना कर दिया। वैभव ने घटना के संबंध में कई ट्वीट किए और घटना की शिकायत बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त प्रताप रेड्डी से की।
उन्होंने ट्वीट में कहा कि पुलिस ड्रग मामले में उन्हें बेवजह फंसाने की कोशिश कर रही है।
डीसीपी सी.के. बाबा ने वैभव को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया और कहा कि घटना में कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग समझता है कि वह चिंतित हैं और वह उनके मोबाइल फोन पर उनसे संपर्क कर सकते हैं।
पाटिल ने पिछले शुक्रवार को बंदेपल्या पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराया था। उसने दोनों पुलिसकर्मियों की पहचान की और घटना के संबंध में पुलिस को बयान दिए।
सिपाहियों ने कहा कि वैभव ने जांच कराने से इनकार कर दिया और उन्होंने पैसे नहीं लिए। लेकिन वैभव ने कहा कि अगर गांजा मिला, तो उन्होंने उसे जाने कैसे दिया। वैभव ने पुलिस को यह भी बताया कि उसके माता-पिता इस घटना से चिंतित हैं और चाहते हैं कि वह हिमाचल प्रदेश लौट आए।
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Source : IANS