कपड़े सुखाने के लिए छत पर गई एक युवती पर बंदर ने हमला कर दिया।
पीड़िता के भाई फारूक अली ने कहा कि खुद को बचाने के प्रयास में, वह नीचे की ओर दौड़ी, लेकिन बंदर ने उसका पीछा किया। वह सीढ़ियों से गिर गई और उसके चेहरे और पैरों पर बंदर ने हमला कर दिया। हम उसे रेबीज का टीका लगवाने के लिए दिल्ली ले गए थे। टीका मेरठ में उपलब्ध नहीं था। उसके चेहरे पर 14 टांके लगे हैं।
उन्होंने कहा कि बंदर ने बिना किसी उकसावे के उन पर हमला कर दिया था।
इस घटना ने एक बार फिर शहर में बंदरों की समस्या को उजागर कर दिया है। वन विभाग और नगर निकाय के कई प्रयासों के बाद भी मेरठ में बंदरों की आबादी में कमी नहीं हो रही है।
विभिन्न इलाकों में लोगों ने बंदरों को भगाने के लिए लंगूरों को प्रशिक्षित किया है, लेकिन इसका कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है। शहर में पिछले एक साल में बंदरों के हमले में दो बुजुर्गों की भी मौत हो चुकी है।
इससे पहले पीलीभीत में बंदरों ने एक पोल कंट्रोल रूम और उसके आसपास लगे 34 नए सीसीटीवी कैमरों को क्षतिग्रस्त कर दिया था।
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Source : IANS