उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में अब अंधविश्वास और रूढ़िवादिता सिर चढ़ कर बोल रही है। हमीरपुर जिले के राठ क्षेत्र के मुस्करा खुर्द गांव में स्थापित धूम्र ऋषि आश्रम में महिलाओं को 21वीं सदी में भी पूजा और दर्शन करना वर्जित है।
हद तो तब हो गई, जब बीजेपी की महिला विधायक की पूजा से मंदिर 'अछूत' हो गया। धूम्र ऋषि के आश्रम के 'अछूत' होने का वाकया 12 जुलाई को उस समय हुआ, जब राठ विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की महिला विधायक मनीषा अनुरागी एक प्राचीन मंदिर में पूजा करने के लिए अंदर गईं।
ग्रामीणों के अनुसार सदियों से इस मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।
ग्रामीणों का तर्क है कि महाभारत कालीन इस मंदिर में विराजमान भगवान धूम्र ऋषि बाल ब्रह्मचारी थे, इसलिए महिलाएं अंदर नहीं जा सकतीं और अपनी मन्नतें मुख्य द्वार के बाहर से ही मांग सकती हैं। लेकिन बीजेपी विधायक ने सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ कर ग्रामीणों के लिए आफत खड़ी कर दी और कई दिनों तक पानी की बारिश नहीं हुई।
ग्राम प्रधान ओमप्रकाश सिंह ने सोमवार को बताया, 'धूम्र ऋषि के आश्रम में महिलाओं का प्रवेश सदियों से वर्जित रहा है, लेकिन भाजपा विधायक मनीषा अनुरागी ने ग्रामीणों के मना करने के बावजूद 12 जुलाई को धूम्र ऋषि के आश्रम में अंदर घुस कर पूजा और दर्शन किए।'
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उन्होंने बताया कि गांव में डुगडुगी पिटवा कर ग्रामीणों की पंचायत के बाद पहले पूरे आश्रम की गंगा जल से धुलाई करवाई गई। बाद में गांव वालों के चंदे से धूम्र ऋषि की मूर्ति को फूलों की डोली में इलाहाबाद ले जाकर संगम स्नान भी कराया गया है।
ग्राम प्रधान ने यह भी कहा कि आश्रम में विधायक के अंदर जाने के बाद धूम्र ऋषि नाराज हो गए थे और कई दिनों तक पानी नहीं बरसा, जब उनकी मूर्ति को संगम स्नान करा दिया गया तो उसी दिन से झमाझम बारिश हो रही है।
इस संबंध में बीजेपी विधायक मनीषा अनुरागी ने कहा, 'मुझे इस पुरानी परंपरा की कोई जानकारी नहीं दी गई। अगर मैं वहां गई भी हूं तो कुछ गलत नहीं किया है। आधी आबादी हम पर निर्भर है, हम जन्मदात्री और पालनहार हैं। यह कुछ अल्पबुद्धि के लोगों की सोच हो सकती है।'
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Source : IANS