विशेष पॉक्सो अदालत ने आरोपी राजीव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी, जिस पर पुलिस ने पीड़िता से दुष्कर्म और उसके पिता और भाई से पिटाई का आरोप लगाया है।
न्यायाधीश राजवीर सिंह ने सोमवार को कहा कि पीड़िता ने धारा 164 सीआरपीसी के तहत दर्ज अपने बयान में कहा कि आरोपी ने न केवल उसके साथ दुष्कर्म किया, बल्कि उसके भाई के निजी अंग पर भी वार किया और उसके पिता का हाथ तोड़ दिया।
इस घटना के वक्त पीड़िता की उम्र करीब 15 साल थी।
अदालत ने तथ्यों और परिस्थितियों और अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कहा कि जमानत के लिए पर्याप्त आधार नहीं हैं।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, इसलिए, आरोपी राजीव कुमार की जमानत याचिका खारिज की जा रही थी।
पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि राजीव की मौसी ने 21 अगस्त 2018 को उसे अपने कमरे में बुलाया और साफ करने को कहा।
सफाई के बाद जब वह कमरे से निकल रही थी तो राजीव अंदर आया और उसका यौन उत्पीड़न किया। जब उसने थाने में घटना की सूचना दी, तो उसने उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी और उसे रिपोर्ट वापस लेने के लिए मजबूर किया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (एडीजीसी) सुशील कुमार के अनुसार, राजीव ने चार अन्य पुलिसकर्मियों को बुलाया, जिन्होंने उसके पिता को इतनी बुरी तरह पीटा कि उसका हाथ टूट गया और उसके भाई के निजी अंगो पर वार किया।
एडीजीसी ने दलील दी कि चूंकि आरोपी ने एक जघन्य अपराध किया था, इसलिए उसकी जमानत अर्जी रद्द की जानी चाहिए।
इससे पहले, आरोपी ने अपनी जमानत अर्जी में अपने निर्दोष होने और मामले को मनगढ़ंत होने का अनुरोध किया था। उन्होंने अनुरोध किया कि उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।
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Source : IANS