उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश करने वाली दुष्कर्म पीड़िता के मामले की जांच के लिए बुधवार को एक दो सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता एक डीजी-रैंक के पुलिस अधिकारी की अध्यक्षता में की गई है।
पैनल महिला और उसके साथी से संबंधित प्राथमिकी के सभी पहलुओं की जांच करेगी। महिला ने सुप्रीम कोर्ट परिसर के बाहर, इस सप्ताह की शुरूआत में खुद को आग लगाने की कोशिश की थी।
दोनों ने पुलिस अधिकारियों और एक जज पर जेल में बंद बसपा सांसद अतुल राय के इशारे पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने संवाददाताओं को बताया कि समिति में डीजी, पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड (यूपीपीआरपीबी), आर के विश्वकर्मा और एडीजी, महिला पावर लाइन (1090), नीरा रावत शामिल होंगे।
समिति दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी।
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि समिति पूरे मामले की जांच करेगी।
पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र और बलात्कार पीड़िता और उसके सहयोगी के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट की भी जांच की जाएगी।
इस बीच, राज्य सरकार ने मामले में जांच अधिकारी रहे पुलिस निरीक्षक राकेश सिंह और उप निरीक्षक गिरिजा शंकर यादव को निलंबित कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह का प्रयास करने से पहले महिला और उसके सहयोगी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश लाइवस्ट्रीम कर बसपा सांसद अतुल राय, तत्कालीन वाराणसी एसएसपी अमित पाठक, पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर और अन्य पुलिस और न्यायिक अधिकारियों पर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।
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Source : IANS