उत्तर प्रदेश सरकार ने एक टीवी चैनल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन के बाद तीन वरिष्ठ मंत्रियों के निजी सचिवों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. स्टिंग ऑपरेशन में निजी सचिव ट्रांसफर, अनुबंध आदि हासिल करने के लिए रिश्वत मांगते देखे गए हैं. सूत्रों ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (सचिवालय) महेश गुप्ता ने जांच के आदेश दे दिए हैं और निजी सचिवों को किसी भी समय बर्खास्त किया जा सकता है. इस स्टिंग ऑपरेशन में पिछड़ा वर्ग के मंत्री ओमप्रकाश राजभर के निजी सचिव ओमप्रकाश कश्यप कथित तौर पर एक ट्रांसफर के लिए 40 लाख रुपये की रिश्वत मांगते देखे जा सकते हैं.
इस कथित रिकॉर्डिग में सचिवालय के स्टाफ कॉन्ट्रैक्टर बने संवाददाता को स्कूल बैग और यूनिफॉर्म के कॉन्ट्रैक्ट का ठेका उनके पक्ष में किए जाने को लेकर आश्वस्त करते देखे जा सकते हैं.
मंत्री के सचिव जुराबों और जूतों के टेंडर को लेकर कमिशन लेते देखे जा सकते हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के मंत्री ने स्पष्ट किया है कि उनका इस पूरे प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने अपने विभाग के मुख्य सचिव से इस पूरे मुद्दे पर जांच का आदेश देने के लिए कहा है.
इसी स्टिंग ऑपरेशन में खनन राज्य मंत्री की सचिव अर्चना पांडे संवाददाता से सौदा करती देखी जा सकती हैं, जिसमें लगभग आधा दर्जन जिलों के खनन सौदे उनके पक्ष में किए जाने को लेकर सौदा हो रहा है. मंत्री ने कहा कि सचिव एस.पी.त्रिपाठी की जांच एसआईटी द्वारा होगी और उनके निजी सचिव के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री के निजी सचिव संतोष अवस्थी संदीप सिंह भी इस स्टिंग ऑपरेशन में किताबों के अनुबंध पर सौदा करते देखे जा सकते हैं. संदीप सिंह उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के मौजूदा राज्यपाल कल्याण सिह के पोते हैं. इस स्टिंग ऑपरेशन से यूपी में योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार को झटका लगा है.
Source : IANS