उत्तर-प्रदेश: रद्द हो सकती है जेवर एयरपोर्ट परियोजना, जानें क्या है कारण

उन्होंने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के लिए किसानों को 2300 से 2500 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से जमीन का मुआवजा दिए जाने की पेशकश की गई है।

उन्होंने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के लिए किसानों को 2300 से 2500 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से जमीन का मुआवजा दिए जाने की पेशकश की गई है।

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vineet kumar1
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उत्तर-प्रदेश: रद्द हो सकती है जेवर एयरपोर्ट परियोजना, जानें क्या है कारण

यूपी में रद्द हो सकती है जेवर एयरपोर्ट परियोजना (प्रतीकात्मक चित्र)

उत्तर-प्रदेश की महत्वाकांक्षी जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा परियोजना पर रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है। इस एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों से बात नहीं बनी तो सरकार इस परियोजना को छोड़ सकती है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रभात कुमार ने गुरुवार को बताया, ‘हमने जेवर हवाई अड्डा परियोजना के लिए प्रस्तावित इलाके में पड़ने वाले छह गांवों के प्रधानों और करीब 100 किसानों से मुलाकात करके उन्हें जमीन के प्रस्तावित खरीद मूल्य और अन्य लाभों के बारे में बताया है। अगर वे हवाई अड्डे के लिए जमीन देने को तैयार नहीं होते तो यह परियोजना रद्द भी हो सकती है।’ 

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कुमार ने कहा, ‘किसानों को आश्वस्त किया गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के मुताबिक जमीन उनकी मर्जी के बगैर नहीं ली जाएगी। किसान हमारे प्रस्ताव पर विचार करने के बाद हमें अपने निर्णय के बारे में बताएंगे। हमें अच्छे परिणाम की उम्मीद है।’

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उन्होंने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के लिए किसानों को 2300 से 2500 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से जमीन का मुआवजा दिए जाने की पेशकश की गई है।

प्रदेश सरकार पहले चरण में आठ गांवों- रोही, परोही, बनवारीबस, रामनेर, दयानतपुर, किशोरपुर, मुकीमपुर शिवरा और रणहेरा में 1441 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करना चाहती है।

सरकार इस परियोजना के लिए कुल पांच हजार हेक्टेयर जमीन लेना चाहती है। करीब 15 से 20 हजार करोड़ की लागत से प्रस्तावित इस हवाई अड्डे पर विमान सेवाओं का संचालन वर्ष 2022-23 तक शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया तो अगले महीने ही जमीन की खरीद पूरी कर ली जाएगी और किसानों को फौरन भुगतान कर दिया जाएगा।

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अक्टूबर में इस परियोजना के निर्माण की शुरुआत भी कर दी जाएगी। जेवर हवाई अड्डे की परिकल्पना सबसे पहले वर्ष 2001 में राजनाथ सिंह के यूपी का सीएम रहने के दौरान की गई थी। तब से अब तक यह परियोजना कई बाधाओं को पार कर चुकी है। खासतौर पर केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच मतभेद से परियोजना को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।

हालांकि, बीजेपी के सत्ता से बाहर होने के बाद यह परियोजना अधर में लटक गई थी। साल 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने परियोजना को फिर से शुरू करने की कोशिश की, लेकिन केन्द्र की तत्कालीन यूपीए सरकार ने कथित रूप से यह कहते हुए इस पर आपत्ति जताई थी कि इससे दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी हवाई अड्डे का कारोबार प्रभावित होगा।

Source : News Nation Bureau

Yamuna Expressway rajnath-singh Uttar Pradesh Jewar Airport
      
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