सऊदी अरब में रह रहे एक व्यक्ति ने कथित तौर पर मोबाईल के ज़रिए अपनी पत्नी को ट्रिपल तलाक़ दे दिया है। उत्तर प्रदेश के नंदौली गांव में रहने वाला ये शख़्स सऊदी अरब में काम करता है।
पीड़िता के मुताबिक़ ससुराल पक्ष के लोग दहेज़ को लेकर उसे परेशान कर रहे थे। ससुराल वाले पीड़िता के परिवार से गाड़ी की मांग कर रहे थे।
पीड़िता ने एएनआई को बताया, 'मेरे ससुराल वाले मुझे अक्सर परेशान कर रहे थे। वो काफी दिनों से हमसे एक गाड़ी की मांग कर रहे थे। मेरे पति भी मुझसे दुर्व्यवहार करते थे। मुझे मेरे फोन पर एक तलाक वाला संदेश मिला था। मेरे पास एक बेटा है और मैं जीना चाहती हूं।'
वहीं पीड़िता के पिता ने कहा, 'मैं इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज़ कराऊंगा, मुझे अपनी बेटी के लिए इंसाफ़ चाहिए।'
आगे उन्होंने कहा, 'पहले दो सालों में सब-कुछ ठीक था। बाद में उन्होंने मेरी बेटी को परेशान करना शुरू किया। मेरी बेटी के ससुराल वालों ने उसे घर से बाहर कर दिया और अचानक ही अब उसे तलाक़ दे दिया गया।'
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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में बयान दिया था जिसके मुताबिक, 'अगस्त महीने में ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक ठहराए जाने के फैसले के बाद से तीन तलाक के करीब 100 मामले हुए हैं।'
वहीं राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद अब ट्रिपल तलाक विधेयक का भाग्य संसद के बजट सत्र के खाते में चला गया है। बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू हो रहा है।
इस विधेयक में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के मद्देनजर मुस्लिम पतियों द्वारा तलाक-ए-बिद्दत (एक बार में तीन तलाक) को गैरकानूनी घोषित करने व इसे आपराधिक कृत्य बनाने का प्रस्ताव है।
विधेयक में कहा गया है कि तलाक-ए-बिद्दत गैरकानूनी व दंडनीय अपराध होगा। इसमें पति से आजीविका के लिए गुजारा भत्ता व पत्नी व आश्रित बच्चों की रोजमर्रा की जरूरतों के लिए दैनिक सहायता की व्यवस्था भी शमिल है। इसमें पत्नी के पास नाबालिग बच्चों की निगरानी का अधिकार भी होगा।
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Source : News Nation Bureau