यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं को देश में नंबर वन बनाने का सपना हमें साकार करना है। प्रदेश के अस्पतालों को तकनीक से जोड़ा जा रहा है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के छोटे चिकित्सालयों में उपचार की व्यवस्था को और बेहतर करने की जरूरत है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक मंगलवार को गोमतीनगर अंसल एपीआई स्थित होटल में 100 आकांक्षी विकास खंडों के प्रभारी चिकित्साधिकारियों का राज्य स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। यहां संचालित योजनाओं से हर वर्ग लाभांवित हो रहा है। छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर रोगियों को उपचार मुहैया करा सकते हैं। उन्हें बड़े चिकित्सालय की दौड़ लगाने से भी बचा सकते हैं। इससे रोगियों का समय और पैसा बचेगा। समय पर उपचार मिल सकेगा। बड़े चिकित्सालयों में गंभीर रोगियों के इलाज की राह भी आसान होगी।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर जैसे छोटे अस्पतालों का मकसद रोगियों को घर के नजदीक उपचार मुहैया कराना है। लिहाजा यहां की व्यवस्था को दुरुस्त रखा जाए।
उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर 100 आकांक्षी जनपदों का चयन किया गया है। इन जिलों में 75 बिंदुओं के तहत स्वास्थ्य व्यवस्था सुधार संबंधी कार्य कराए जाएंगे। कहा कि पीएचसी व सीएचसी स्तर पर जब अच्छा काम होता है तो जिला स्तरीय अस्पतालों पर बोझ कर पड़ता है। हमें लोकल स्तर पर ही काम करना है।
डिप्टी सीएम ने अधीनस्थों को निर्देशित किया कि सभी पीएचसी व सीएचसी पर डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं और प्रतिदिन उपस्थित चिकित्सकों का ब्यौरा उन पर लिखा जाए। उन्होंने हेल्थ वेलनेस सेंटर व संजीवनी एप के भी प्रभावी तरीके से संचालन के निर्देश दिए।
कहा कि साल 2025 तक हमें देश को टीबी मुक्त करना है। उन्होंने कोरोनाकाल में लगातार कार्य करने वाले चिकित्सकों का प्रदेश की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया।
कहा कि अस्पतालों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। हेल्थ एटीएम लगाए गए हैं। टेलीमेडिसिन, टेलीरेडियोलॉजी समेत दूसरी सुविधाओं से अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है। संजीवनी एप शुरू किया गया है। ताकि रोगियों को तकनीक के साथ बेहतर व आधुनिक इलाज मिल सके। उन्होंने कहा कि कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर(सीएचओ) व अन्य स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं की ड्यूटी लगाते समय ध्यान रखें। ड्यूटी की दौरान दूसरे स्थानों पर तैनात न किया जाएगा। ड्यूटी के वक्त डॉक्टर-कर्मचारियों को मीटिंग में न बुलाया जाए। इससे रोगियों को उपचार हासिल करने में दिक्कत होती है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS