उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार इस दिवाली सीजन में वोकल फॉर लोकलबनाने के लिए मिट्टी के बर्तनों को बढ़ावा देने के लिए तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन करेगी।
यूपी माटी कला बोर्ड ने इस आयोजन की तैयारी शुरू कर दी है, जिसके दौरान राज्य भर के 150 कारीगर अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे।
वोकल फॉर लोकल पर फोकस के साथ, प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों, सजावटी मिट्टी के दीपक और अन्य मिट्टी और हाथ से निर्मित उत्पादों जैसे उत्पाद होंगे जो त्योहारी सीजन के दौरान मांग होती है।
पिछले साल इसी तरह के आयोजन के दौरान गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियों, मिट्टी के दीयों और 50 लाख रुपये के अन्य उत्पादों की बिक्री हुई थी। आयोजकों को इस साल भी बड़े पैमाने पर इसी तरह के आयोजन का विश्वास है।
पिछले साल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिल्पकारों के शेष सभी उत्पादों को खरीदा था, जब वे प्रदर्शनी के समापन के दिन उनसे मिलने गए थे।
खादी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) नवनीत सहगल ने कहा, माटी कला और मिट्टी के बर्तन विकास योजना के तहत हस्तशिल्प के प्रदर्शन एवं बिक्री के साथ-साथ टेराकोटा मिट्टी के बर्तनों में निपुणता प्राप्त करने के लिए 3 दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
उन्होंने कहा, बोर्ड के प्रयास कारीगरों के लिए बाजार को प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में निर्देशित हैं, जिससे न केवल उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि बेहतर मूल्य भी मिलेगा।
इसके अलावा, राज्य के हर जिले में स्थानीय प्रशासन की मदद से आत्मनिर्भर भारत की ²ष्टि को साकार करने के लिए, सभी कारीगरों के लिए तीन दिवसीय माटी कला अस्थायी बिक्री केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिससे उनके लिए उत्पाद एक बाजार में उपलब्ध होगा।
माटी कला बोर्ड की स्थापना जुलाई 2018 में सरकार द्वारा स्थानीय कौशल के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से की गई थी। ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं का उद्देश्य है।
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Source : IANS