आशा, आस्था, उत्सुकता के साथ उत्तर प्रदेश कांग्रेस को प्रियंका का इंतजार

कांग्रेस दफ्तर में शनिवार को 70वें गणतंत्र दिवस पर सैकड़ों लोग जुटे थे. दफ्तर का माहौल खुशनुमा और जोशपूर्ण था, लेकिन काफी सतर्कता की बातें हो रही थीं, क्योंकि पार्टी नेता बता रहे थे कि जब वे प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं, तो बहुत कुछ करना पड़ेगा.

कांग्रेस दफ्तर में शनिवार को 70वें गणतंत्र दिवस पर सैकड़ों लोग जुटे थे. दफ्तर का माहौल खुशनुमा और जोशपूर्ण था, लेकिन काफी सतर्कता की बातें हो रही थीं, क्योंकि पार्टी नेता बता रहे थे कि जब वे प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं, तो बहुत कुछ करना पड़ेगा.

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Deepak Kumar
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आशा, आस्था, उत्सुकता के साथ उत्तर प्रदेश कांग्रेस को प्रियंका का इंतजार

उत्तर प्रदेश कांग्रेस को प्रियंका का इंतजार (पीटीआई)

आशा, विश्वास और उत्सुकता के साथ उत्तर प्रदेश में प्रियंका के आगमन का इंतजार किया जा रहा है. माल एवेन्यू स्थित कांग्रेस कार्यालय में पार्टी के वफादारों को अच्छे दिन और प्रियंका गांधी वाड्रा के आगमन दोनों का इंतजार है. लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी को बतौर पार्टी महासचिव पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है. कांग्रेस दफ्तर में शनिवार को 70वें गणतंत्र दिवस पर सैकड़ों लोग जुटे थे. दफ्तर का माहौल खुशनुमा और जोशपूर्ण था, लेकिन काफी सतर्कता की बातें हो रही थीं, क्योंकि पार्टी नेता बता रहे थे कि जब वे प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं, तो बहुत कुछ करना पड़ेगा.

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चौदह किलोमीटर साइकिल चलाकर रोज दफ्तर पहुंचने वाले संगठन के सहायक स्थाई सचिव अनिल कुमार शर्मा के चेहरे पर खुशी थी. उन्होंने कहा कि सच बनाम झूठ के बीच लड़ाई में निर्णायक क्षण आ गया है.

उन्होंने कहा, "मोदी और BJP (भारतीय जनता पार्टी) ने अपनी अहंकार की भाषा बोलकर लोगों को मूर्ख बनाया है और उन्होंने किया कुछ नहीं है. उनका कांग्रेस मुक्त भारत का नारा कभी कामयाब नहीं होगा. प्रियंकाजी सत्ताधारी पार्टी को निकाल बाहर करेंगी."

राम अवतार पार्टी का कैंटीन चलाते हैं और वह दो साल से पार्टी दफ्तर परिसर में ही रहते हैं. अब उनकी उम्र 47 साल हो चुकी है. प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने से वह भी काफी खुश हैं. राम अवतार कहते हैं कि कुछ दिन पहले वह रोज 100 कप चाय बेचते थे, लेकिन इस घोषणा के बाद दफ्तर में लोगों की आवाजाही बढ़ जाने से अब उनकी चाय की बिक्री बढ़कर रोजाना 250 कप से अधिक हो गई है.

दफ्तर के चौकीदार ओम प्रकाश राय पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया से आते हैं. उनका पक्का विश्वास है कि पार्टी के लिए अच्छे दिन आएंगे.

हालांकि ग्यास अहमद, संतोष गौड़, प्रमोद शुक्ला, शिव शंकर और विष्णु अवतार जैसे अनेक लोग हैं, जो दूसरों के आकलन से चौकें हैं. ये सभी ड्राइवर हैं और कांग्रेस में नकदी के संकट के कारण कुछ महीने पहले सेवा से निकाले गए हैं.

पार्टी के एक पूर्व कर्मचारी ने कहा, "हम उनसे मिलेंगे और शायद वह हमारी मदद करेंगी."

पुराने अखबारों की कतरनों से भरे धुंधले प्रकाश वाले कमरे में दाढ़ी वाले 33 वर्षीय अरमान अहमद हालांकि प्रियंका के राजनीति में पदार्पण के बाद उत्साह से चौकस हैं. वह पिछले तीन साल से सेवा दल के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं सेकुलर विचारधारा के कारण कांग्रेस से जुड़ा हुआ हूं, लेकिन मुझे बताइए कि अगर संगठन में ही जंग लगी हुई है तो फिर परिवर्तन कैसे आएगा."

पेशे से होम्योपैथ और दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के प्रशंसक अहमद ने बताया कि तीन साल पहले उन्होंने किस प्रकार अपने वार्ड नया हैदरगंज में 50 लोगों को पार्टी में शामिल होने के लिए मनाया. उन्होंने कहा, "हमें अधिक स्पष्टता दिखाने की जरूरत है."

प्रियंका के आने से पहले पार्टी दफ्तर को भी संवारा जा रहा है. उनके आगमन की तिथियों पर भी विचार किया जा रहा है.

आस-पास बनी ऊंची इमारतों के बीच छिपे कांग्रेस मुख्यालय की सफेदी करवाई गई है. पुराने मीडिया-संवाद भवन को तोड़कर एक नया और बड़ा भवन तैयार किया जा रहा है, जिसमें नई टाइल्स, खिड़कियां और नए एयरकंडीशनर लगाए जा रहे हैं.

परिसर में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) का दफ्तर हालांकि उपेक्षित पड़ा हुआ है. पार्टी के एक कार्यकर्ता ने बताया कि इंदिरा गांधी की अर्धप्रतिमा के बगल में स्थित कार्यालय के दरवाजे में लगे ताले में जंग लग गई है, क्योंकि यह द्वार विरले ही खुलता है.

यूपीसीसी के प्रवक्ता वीरेंद्र मदन ने पार्टी दफ्तर के रंग-रोगन के बारे में कहा, "यह काम कुछ महीनों से चल रहा है, क्योंकि हम लोकसभा चुनाव की चुनौतियों के लिए जंग की तैयारी कर रहे हैं."

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कुंभ में पवित्र डुबकी के साथ राजनीतिक सफर शुरू कर सकती हैं प्रियंका

कांग्रेस पार्टी और पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी पर 'सॉफ्ट हिंदुत्व' अपनाने के आरोपों के बावजूद उनकी बहन प्रियंका गांधी चार फरवरी को कुंभ मेले में संगम पर पवित्र डुबकी लगाने के साथ अपने राजनीतिक करियर की औपचारिक शुरुआत कर सकती हैं. प्रियंका उसी दिन पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव का पदभार भी संभालेंगी.

वह राहुल के साथ कुंभ पहुंचेंगी. राहुल की अप्रैल 2015 में उत्तराखंड के प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर में दर्शन के साथ हिंदू धर्म के लिए उत्सुकता शुरू हुई थी. प्रियंका चार फरवरी को लखनऊ में राहुल के साथ संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित करेंगी.

जानकार सूत्रों के अनुसार, प्रियंका और राहुल दोनों चार फरवरी को पहले 'मौनी अमावस्या' और उसके बाद 'शाही स्नान' के मौके पर पवित्र स्नान करेंगे.

लेकिन अगर उन्हें चार फरवरी को पवित्र डुबकी लगाने का मौका नहीं मिलता है तो वे 10 फरवरी को बसंत पंचमी पर और उसके बाद 'शाही स्नान' पर डुबकी लगाएंगे.

यह पहली बार है, जब राहुल और प्रियंका गांधी दोनों संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे.

साल 2001 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कुंभ मेले में हिस्सा लिया था और पवित्र स्नान किया था.

2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान, जिसमें कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को करारी टक्कर दी थी, राहुल गांधी ने कई मंदिरों के दौरे किए थे और यह सिलसिला जारी रखते हुए कर्नाटक चुनाव के दौरान भी उन्होंने 20 प्रमुख मंदिरों और मठों का दौरा किया था.

BJP की ओर से आलोचना के बाद कांग्रेस ने दावा किया था कि राहुल 'जनेऊ धारी' हिंदू हैं. राजस्थान में एक मंदिर में प्रार्थना में दौरान उन्होंने अपना गोत्र 'दत्तात्रेय' बताया था.

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इंडिया टुडे-कार्वी मूड के सर्वेक्षण में कहा गया कि 51 फीसदी लोगों ने कहा कि गांधी का मंदिरों का दौरा BJP के लिए हिंदुत्व एकाधिकार को चुनौती होगी.

Source : IANS

UP congress eagerly waiting for Priyanka Gandhi
      
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